जिंदा पैंगोलिन के साथ पकड़ा गया शिकारी: वन रक्षक सौदागर बनकर पहुंचा था शिकारियों के पास; बांधवगढ़ नेशनल पार्क के पास से किया था शिकार

जिंदा पैंगोलिन के साथ पकड़ा गया शिकारी: वन रक्षक सौदागर बनकर पहुंचा था शिकारियों के पास; बांधवगढ़ नेशनल पार्क के पास से किया था शिकार


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उमरिया8 घंटे पहले

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दो शिकारी भाग निकले।

विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क लगे हिस्सों में पैंगोलिन खतरे में हैं। तस्करी के लिए इनका लगातार शिकार किया जा रहा है। मानपुर परिक्षेत्र के सेहरा ग्राम से पोड़ी निवासी युवक को जिंदा पैंगोलिन सहित पकड़ा गया है। उसके दो अन्य साथी फरार हो गए। आरोपी को पैंगोलिन के साथ कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस अभिरक्षा में उसे जेल भेज दिया गया है। पैंगोलिन को वन विभाग ने जंगल में छोड़ दिया है।

मानपुर रेंजर पवन ताम्रकार ने बताया कि सूचना मिली थी कि एक जगह जिंदा पैंगोलिन कुछ लाेग बेच रहे हैं। इसके बाद वन रक्षक विक्रम सिकरवार को सौदा करने के लिए भेजा गया। वन विभाग की पूरी टीम उसे क्षेत्र को घेर लिया। आरोपी अपने साथियों के साथ जिंदा पैंगोलिन को लेकर पहुंचा। इसी दौरान टीम ने उसे पकड़ लिया, लेकिन दो आरोपी भाग निकले। टीम में मानपुर परिक्षेत्राधिकारी पवन ताम्रकार, सहायक परिक्षेत्राधिकारी कमलेश नंदा, वनरक्षक नरेंद्र सिंह, विक्रम सिंह,भागवत तिवारी, अखिलेश तिवारी, रजीव रंजन वर्मा, रोशन लाल तिवारी इन सब की अहम भूमिका रही है।

दवाओं में स्कैल्स का होता है उपयोग
पैंगोलिन चींटिया खाता है। इस स्तनपायी जीव की पूरी दुनिया में सबसे अधिक तस्करी दवा बनाने के लिए होती है। कुछ लोग इसका मांस भी खाते हैं। लगातार तस्करी के कारण पैंगोलिन की सभी आठ प्रजातियां संकट में हैं। कुछ तो विलुप्त होने की कगार पर हैं। ​​​​​​​पैंगोलिन के शरीर पर स्कैल्स होते हैं। स्कैल्स से पारंपरिक चीनी दवाएं बनाई जाती हैं। इसलिए इसकी डिमांड होती है। हालांकि चीन पैंगोलिन को दवा की लिस्ट से बाहर कर दिया है। इससे उम्मीद की जा रही है कि इसके शिकार में कमी आएगी।

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