दफ्तरों का जायजा: संक्रमण नहीं अब लापरवाही-2 प्यून को छोड़ अफसर और कर्मचारी सब लेट

दफ्तरों का जायजा: संक्रमण नहीं अब लापरवाही-2 प्यून को छोड़ अफसर और कर्मचारी सब लेट



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रतलाम3 घंटे पहले

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सरकारी दफ्तरों में अफसर और कर्मचारी का समय पर नहीं पहुंचने का ढर्रा सुधर नहीं रहा है। बुधवार को जब सरकारी दफ्तरों का जायजा लिया तो अधिकतर दफ्तरों की कुर्सी और टेबलें खाली ही मिली और कर्मचारी गायब मिले। जबकि दफ्तर शुरू होने का समय सुबह 10.30 बजे का है। लेकिन इस समय तक तो दफ्तरों में सफाई ही रही है। जिला अस्पताल सहित 6 दफ्तरों का जायजा लिया। इसमें चार तो कलेक्टोरेट परिसर में ही स्थिति है। बावजूद यह स्थिति है और कर्मचारी अपने मनमुताबिक समय पर पहुंच रहे हैं।

भास्कर लाइव : जानिए, बुधवार को किस विभाग की क्या स्थिति रही

1. ओपीडी कक्ष खाली, डॉक्टरों का इंतजार करते रहे मरीज

जिला अस्पताल, सुबह 9.05 मिनट
जिला अस्पताल की ओपीडी के बाहर महिला एवं पुरुष खड़े हैं। लेकिन ओपीडी में एक भी डॉक्टर नहीं है। कतार में लगी महिला मरीज बोली कभी से खड़े है लेकिन डॉक्टर अब तक नहीं आए हैं। बोर्ड पर ड्यूटी डाक्टरों के नाम लिख रहे वॉर्ड बॉय ने बताया आप इंतजार करो। डॉक्टर थोड़ी देर में आने वाले है। करीब जबकि ओपीडी का समय सुबह 9 बजे का है।
जिम्मेदार- सिविल सर्जन डॉ, आनंद चंदेलकर ने बताया डॉ. राउंड लेते हैं। कोशिश करेंगे की ओपीडी में डॉक्टर समय पर पहुंचे और मरीजों को परेशानी ना हो।

अहमियत- 500 से ज्यादा मरीज आते हैं। ये शहर सहित आसपास की तहसीलों और गांवों से आते हैं।

2. बस थोड़ी ही देर में कर्मचारी आने वाले हैं आप इंतजार करें

राशन कार्ड (नगर निगम), सुबह 10.40 बजे
नगर निगम के राशन कार्ड में सुबह 10.30 बजे से काम शुरू होना चाहिए। लेकिन आवक जावक में एक कर्मचारी पन्नालाल ही मिले। इसके अलावा विभाग की कुर्सी टेबलें खाली ही है। उन्होंने बताया कर्मचारी थोड़ी ही देर में आते होंगे। इसी तरह नगर निगम के लेखा विभाग के भी यही हाल रहे। लेखा विभाग की कुर्सियां भी खाली ही रही। यहां कर्मचारी नहीं मिला।
जिम्मेदार- खाद्य विभाग के प्रभारी एपी सिहं ने बताया मैं दिखवाता हूं। समय पर कर्मचारियों के आने के निर्देश दिए जाएंगे।

अहमियत- एपीएल के राशन कार्ड बनते है, नाम जुड़वाना हो या कम करना हो सारे काम यही होते हैं।

3. आप इंतजार करो, कर्मचारी के आते ही आपका काम हो जाएगा

खाद्य विभाग (जिला प्रशासन), सुबह 10.37 बजे
ऑफिस में सिर्फ दो कर्मचारी ही बैठे थे। बाकी कुर्सियां खाली है। पूछने पर एक महिला कर्मचारी ने बताया कि आप इंतजार करो 11 बजे तक सभी आ जाएंगे।
जिम्मेदार- जिला आपूर्ति अधिकारी एसएच चौधरी ने बताया आज वीसी थी। इससे मैं सुबह 10.15 बजे ही ऑफिस पहुंच गया था। सुबह 10.30 बजे आफिस खुल गया था। बाकी कर्मचारी भी आ ही गए थे।
अहमियत – राशन नहीं मिलने, पंजीयन सहित अन्य शिकायतें सुनी जाती है और निराकरण किया जाता है।

4. मैं रोज समय पर आ जाता हूं, बाकी कर्मचारी भी आने वाले हैं

महिला एवं बाल विकास विभाग, सुबह 10.39 बजे
कार्यालय में सिर्फ एक कर्मचारी संजय आगरकर बैठे हैं। अधिकारियों सहित अन्य कर्मचारी ऑफिस का समय शुरू होने के बाद भी नहीं पहुंचे हैं। संजय आगरकर ने बताया मैं रोज ही समय पर आ जाता हूं। अन्य लोग भी आने वाले है।
जिम्मेदार- डीपीओ विनीता लोढ़ा ने बताया कर्मचारियों को समय पर आने के लिए कहेंगे। निर्देश जारी करेंगे।
अहमियत – महिलाओं और बालिकाओं से संबंधित योजना, आंगनवाड़ी सहित अन्य काम होते हैं।

5. यहां ऐसी लापरवाही कि ऑफिस शुरू होने के समय होती है सफाई

सामाजिक न्याय विभाग, सुबह 10.35 बजे
विभाग में सभी कुर्सियां खाली है। सिर्फ एक कर्मचारी विभाग में वो भी सफाई कर रही है। जब पूछा तो महिला कर्मचारी बोली समय हो गया है बस थोड़ी ही देर में सभी कर्मचारी आने वाले है। जबकि यह विभाग कलेक्टोरेट में स्थिति है इसके बाद भी यही हाल है।

6. सुबह 10.38 बजे तक भी नहीं पहुंचे अफसर और कर्मचारी

भू-अभिलेख, सुबह 10.38 बजे सिर्फ एक कर्मचारी राजेश कुमार बैठे हुए है। बाकी सभी कुर्सियां खाली है। पूछने पर बताया बस थोड़ी ही देर में सभी कर्मचारी आ जाएंगे। विभाग के यही हाल रोज रहते है और यहां आने वाले लोग परेशान होते हैं।

अहमियत – जमीन संबंधित प्रकरण, डायवर्सन किसान सम्मान निधि की राशि के आवंटन, संशोधन सहित अन्य काम होते हैं।

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