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- The Policeman Of The Police Station Demanded A Bribe, The Policeman Identified Him And Saved Him From Holding His Red Hands, The Case Was Filed Against Both Of Them.
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इंदौरएक मिनट पहले
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फाइल फोटो
भंवरकुआं थाने में उस समय हड़कंप मच गया, जब रिश्वतखोर कांस्टेबल को ट्रैप करने पहुंची लोकायुक्त की टीम को एक सिपाही ने पहचान लिया। मामला रिश्वत से जुड़ा था। शिकायत के बाद टीम थाने के दो कांस्टेबल को घूस लेते पकड़ने पहुंची थी, लेकिन इसकी खबर दोनों कांस्टेबल को लग चुकी थी, इसलिए वो थाने ही नहीं पहुंचे। लोकायुक्त ने रिश्वत लेने की मोबाइल रिकॉर्डिंग के आधार पर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
मामला 1 मार्च का है। देवास के रहने वाले रामकुमार शर्मा की बस सुबह 6:30 बजे तीन इमली स्टैंड से देवास से ब्यावरा के लिए चलती है। 1 मार्च को बस ब्यावरा के लिए तय समय पर रवाना होने वाली थी, तभी भंवरकुआं थाने का राहुल और अन्य कांस्टेबल उक्त बस को परमिट निरस्त होने का बोलकर थाने ले आया। दोनों कांस्टेबल गाड़ी छोड़ने के एवज में 20 हजार रुपए मांगने लगे। ड्राइवर ने बस मालिक रामकुमार शर्मा को पूरी बात बताई। इसकी शिकायत बस मालिक ने लोकायुक्त में कर दी। अगले दिन सुबह 11 बजे जब बस मालिक थाने पहुंचा, तो 15 हजार में सौदा तय हो गया। इस बीच बस मालिक के पास लोकायुक्त का दिया हुआ वॉइस रिकॉर्डर था, जिसमें पूरी बात रिकॉर्ड हो गई।
लोकायुक्त एसपी सव्यसाची सर्राफ के मुताबिक 2 मार्च को शाम 5 बजे पैसे देना तय हुआ। इस बीच लोकायुक्त इंस्पेक्टर विजय चौधरी के नेतृत्व में दोनों कांस्टेबल को रंगे हाथ पकड़ने के लिए थाने में मौजूद थी, तभी वहीं मौजूद एक सिपाही ने लोकायुक्त को पहचान लिया। किसी तरह दोनों को इसकी सूचना मिल गई। इसके बाद दोनों कांस्टेबल थाने ही नहीं पहुंचे। बताया जा रहा है कि रिकॉर्डिंग के आधार पर दोनों पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। लोकायुक्त के ओर से एसपी पश्चिम महेशचंद जैन को इस बारे में पत्र भेजा गया है। एसपी महेशचंद जैन का कहना है कि फिलहाल पत्र नहीं मिला है। पत्र मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।