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- National Seminar; Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chauhan Gift A Tree To School Education Minister Inder Singh Parmar On New School Education Policy Program
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भोपाल10 घंटे पहले
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने खुद गड्ढा खोदकर पौधा लगाया।
- कार्यक्रम में भेंट में मिले पौधे को प्रशासन अकादमी में लगाया
शिक्षा में सुधार के लिए शुरू हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक पौधा तोहफे में दिया। कार्यक्रम के बाद खुद परमार ने प्रशासन अकादमी में गैंती फावड़ा चलाकर एक गड्ढा खोदकर यह पौधा लगा दिया। उन्होंने कहा कि बच्चे भी पौधों की तरह होते हैं। हमें उन्हें अपनी मेहनत से सींचना होता है। हम उन्हें दूसरे के हाथ में नहीं दे सकते, इसलिए स्कूल से ही बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है।
मंत्री परमार ने प्रशासन अकादमी में पौधा लगाया।
वर्तमान शिक्षा में परिवर्तन की आवश्यकता
वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। शिक्षा व्यवस्था भारत केंद्रित, गुणवत्ता पूर्ण और ज्ञान आधारित होना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन, विद्या भारती, उच्च शिक्षा संस्थान और NCTI के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई है।
देशभर के विद्वान, विश्वविद्यालय के कुलपति अलग-अलग सत्रों में मार्गदर्शन देंगे। संगोष्ठी में शिक्षक-शिक्षा पर मंथन और चिंतन किया जाएगा। इससे उपजा विचार रूपी अमृत राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मील का पत्थर साबित होगा। संगोष्ठी के दौरान प्राप्त सिफारिशों को मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में लागू करने का प्रयास किया जाएगा।
विदेश भागने की जरूरत नहीं
मंत्री परमार ने कहा कि हमारी शिक्षा के स्तर का लोहा दुनिया मानती है। इस देश ने ही दुनिया को महान शिक्षाविद् दिए हैं। हमारी शिक्षा अपने आप में मजबूत है। हमें विदेश भागने की जरूरत नहीं है। सिर्फ दिशा दिए जाने की जरूरत है। हम अपनी भाषाओं में इसे नए रूप में तैयार करेंगे। यही हमारे देश में बदलाव लाएगी। अब शिक्षा सिर्फ पढ़ाई तक नहीं रहेगी। इससे लोगों को रोजगार मिलेंगे। रोजगार सिर्फ सरकारी नहीं होंगे, बल्कि यह निजी क्षेत्र के भी होंगे। इसी से आत्मनिर्भर भारत बनेगा।