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- During The Question Hour On March 15, Only The First time MLAs Will Ask The Government Questions
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भोपाल10 घंटे पहले
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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, सदन की कार्यवाही नियम, प्रक्रिया और पंरपरा से ही चलेगी, मैं अपने लिए खुद चुनौती हूं
- विस अध्यक्ष बोले- नए विधायकों को सदन में अपनी बात रखने का मौका देना मेरी जिम्मेदारी है
MP विधानसभा में एक नया प्रयोग होने जा रहा है। हर सत्र में एक दिन ऐसा होगा, जब प्रश्नकाल के दौरान केवल नए विधायक ही सवाल करेंगे और सरकार की तरफ से मंत्री जवाब देंगे। बजट सत्र के दौरान 15 मार्च को ऐसा पहली बार करने की तैयारी है। इस दौरान वरिष्ठ विधायकों को प्रति प्रश्न करने की अनुमति भी नहीं होगी। यह जानकारी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने शुक्रवार को मीडिया को दी।
उन्होंने बताया कि 15 मार्च को प्रश्नकाल के दौरान तारांकित (जिन पर सदन में चर्चा होती है) 25 प्रश्न नए विधायकों के लिए जाएंगे। दरअसल, तारांकित प्रश्नों का चयन लॉटरी के माध्यम से होता है। जिसे विधायकों द्वारा ही पर्ची निकाली जाती है। हालांकि सरकार सभी प्रश्नों का विभागवार लिखित में जवाब देती है। लेकिन लॉटरी के माध्यम से जिन प्रश्नों का चयन होता है, उस पर सदन में संबधित विधायक को प्रति प्रश्न सरकार से पूछने का अधिकार होता है। संबधित विभाग का मंत्री सदन में जवाब देते हैं। हर सत्र में बैठक के दिन प्रश्नकाल के लिए 1 घंटे का समय निर्धारित है।
इसको लेकर अध्यक्ष गौतम ने कहा कि 15 मार्च के लिए लॉटरी में सिर्फ पहली बार के विधायकों के प्रश्नों को ही लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से नए विधायकों को सरकार से सवाल-जवाब का मौका मिलेगा और उनका कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि विधायकों को सदन में संरक्षण देना अध्यक्ष की नैतिक जिम्मेदारी है।
पत्रकारों को ट्रेनिंग दी जाएगी
अध्यक्ष ने कहा कि नए पत्रकारों को विधानसभा की कार्य प्रणाली को समझाने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा के नियम और प्रक्रिया का संसदीय ज्ञान पत्रकारों को होना चाहिए। खासकर नए पत्रकारों को इसकी जरूरत होती है।
8 मार्च को आसंदी पर बैठने का ज्यादा समय महिला सभापति को देंगे
उन्होंने कहा कि 8 मार्च को महिला दिवस है। इस अवसर पर महिला सभापति को आसंदी (सदन में अध्यक्ष की कुर्सी) पर बैठने और कार्यवाही को संचालित करने का अवसर दिया जाएगा। हालांकि ऐसा वर्ष 2013 से 2018 के बीच हो चुका है, जब महिला सभापति को आसंदी पर बैठाया गया था और अधिकांश सवाल महिला विधायकों ने ही पूछे थे।
सदन की कार्यवाही लाइव करने पर विचार
अध्यक्ष से पूछा गया कि लोकसभा, राज्यसभा के अलावा कई राज्यों में विधानसभा की कार्यवाही का लाइव टेलीकॉस्ट होता है, लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसा नहीं हाे रहा है? इस पर उन्होंने कहा कि विधानसभा सचिवालय इस पर तेजी से काम कर रहा है।