टीम इंडिया की सीरीज जीत का एनालिसिस: अश्विन और अक्षर ने लिए इंग्लैंड के 73% विकेट, रोहित और पंत साबित हुए डिफरेंशिएटर

टीम इंडिया की सीरीज जीत का एनालिसिस: अश्विन और अक्षर ने लिए इंग्लैंड के 73% विकेट, रोहित और पंत साबित हुए डिफरेंशिएटर


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अहमदाबाद4 मिनट पहले

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टीम इंडिया ने चौथे टेस्ट मैच में इंग्लैंड को पारी और 25 रन से हराकर चार टेस्ट मैचों की सीरीज 3-1 से जीत ली। इसके साथ ही भारतीय टीम ICC टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गई है। पहला टेस्ट हारने के बाद विराट एंड कंपनी ने जोरदार वापसी की और लगातार तीन टेस्ट मैच जीते। स्पिनिंग ट्रैक, स्पिनर्स के जोरदार प्रदर्शन और मुश्किल परिस्थितियों में खेली गई कुछ शानदार पारियों समेत कुल 6 फैक्टर ऐसे रहे जिनकी बदौलत भारत ने ऐतिहासिक सीरीज जीत हासिल की है। इन सभी फैक्टर्स पर एक नजर…

1. टॉस को इक्वेशन से बाहर किया
पहले टेस्ट मैच के लिए पिच बैटिंग फ्रेंडली थी। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले ढाई दिन तक बल्लेबाजी की और 500 रन से ऊपर का स्कोर खड़ा कर दिया। बाद में पिच टूट गई और भारत के लिए वापसी की राह असंभव हो गई। इससे सीख लेते हुए अगले तीन टेस्ट मैचों के लिए ऐसी पिच बनाई गई जहां शुरुआत से स्पिनर्स के लिए मदद मौजूद थी। इस तरह भारत ने आखिरी तीन टेस्ट मैचों के लिए टॉस को इक्वेशन से बाहर कर दिया।

2. अश्विन और अक्षर का जोरदार प्रदर्शन
स्पिनर्स की मददगार पिचों पर रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल की स्पिन जोड़ी ने इंग्लैंड पर कहर ढा दिया। दोनों ने मिलकर इंग्लैंड के 80 में से 59 विकेट ले लिए। अश्विन ने 32 और अक्षर ने 27 विकेट लिए। यानी इंग्लैंड ने अपने 73% विकेट भारत के दो प्रमुख स्पिनर्स को दे दिए। अश्विन ने सीरीज के दौरान अपने 400 टेस्ट विकेट पूरे किए। वहीं, करियर की पहली सीरीज खेल रहे अक्षर ने 90 किमी प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार वाली ज्यादातर सीधी गेंदों पर अंग्रेजों को चकमा दिया।

3. आखिरी तीन टेस्ट में रोहित की लाजवाब बल्लेबाजी
स्पिनर्स की मददगार पिचों पर न सिर्फ इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशानी हो रही थी बल्कि भारतीय बल्लेबाज भी इन पर संघर्ष करते हुए दिखे। ऐसे में रोहित की बल्लेबाजी ने भारत को मुकाबले में आगे रखा। दूसरे टेस्ट में रोहित ने 161 और 26 रनों की पारी खेली। तीसरे टेस्ट में रोहित ने बेहद कठिन परिस्थिति में 66 और नाबाद 25 रन बनाए। तीसरे टेस्ट में भी उन्होंने 49 रन की पारी खेली।

4. चौथे टेस्ट में रिषभ की बेमिसाल पारी
चौथे टेस्ट में इंग्लैंड को 205 रन पर ऑलाउट करने के बाद भारतीय टीम भी एक समय 6 विकेट पर 146 रन बनाकर संघर्ष कर रही थी। यहां से ऋषभ पंत (101 रन) ने करियर का तीसरा शतक इंग्लैंड को मैच से पूरी तरह बाहर कर दिया। ऋषभ की पारी से वॉशिंगटन सुंदर को भी बल मिला और उन्होंने भी 96 रन बना दिए। इसे भारत ने पहली पारी में 365 रन बनाए। यह स्कोर इंग्लैंड को पारी के अंतर से हराने के लिए काफी साबित हुआ।

5. इंग्लैंड की अजीबोगरीब रोटेशन पॉलिसी
इंग्लैंड ने पहले टेस्ट मैच में शानदार जीत हासिल करने वाली टीम के चार खिलाड़ियों को दूसरे टेस्ट में आराम दे दिया। तर्क दिया गया कि टीम रोटेशन पॉलिसी पर काम कर रही है। लेकिन, यह पॉलिसी बैकफायर कर गई। भारत ने दूसरा टेस्ट जीतकर सीरीज में वापसी की और फिर दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा।

6. पिच और कंडीशन को पढ़ने में फेल हुई इंग्लैंड की टीम
इंग्लैंड की टीम सीरीज में कम से कम दो बार पिच और कंडीशंस को ठीक से रीड नहीं कर पाई। तीसरे टेस्ट (डे-नाइट) में इंग्लैंड को लगा कि यहां तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी और वह तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरी। इसके उलट भारत ने तीन स्पिनर्स उतारे थे। उस टेस्ट में स्किड करती पिंक बॉल से स्पिनर्स ज्यादा घातक साबित हुए और मैच दो दिन में समाप्त हो गया।

तीसरे टेस्ट में भी इंग्लैंड की टीम तेज गर्मी के बावजूद तीन विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ ही उतरी। इस कारण ऑलराउंडर बेन स्टोक्स और पार्ट टाइमर स्पिनर जो रूट पर निर्भरता बढ़ गई। इंग्लैंड के फ्रंटालाइन गेंदबाज अहमदाबाद की तेज गर्मी में थक गए और ऋषभ पंत ने इसका फायदा उठाकर भारत को मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकाल लिया।

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