मां तू इतनी निर्दयी क्यों?: छठवीं बेटी हुई तो उसे दूध पिलाना बंद किया, ताकि भूख से मर जाए; आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बेटी ने ब्लड देकर बच्ची को बचाया

मां तू इतनी निर्दयी क्यों?: छठवीं बेटी हुई तो उसे दूध पिलाना बंद किया, ताकि भूख से मर जाए; आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बेटी ने ब्लड देकर बच्ची को बचाया


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श्योपुर13 घंटे पहले

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रामपति बाई ने करीब चार-पांच महीने तक तो बच्ची प्रिया को स्तनपान कराया, लेकिन बाद में बंद कर दिया गया। ऐसे में बच्ची बहुत ज्यादा कुपोषित हो गई।

मध्यप्रदेश में श्योपुर जिले के नागर गांवड़ा गांव में एक मां ने अपनी पांच माह की बच्ची काे स्तनपान कराना बंद कर दिया। इससे हीमोग्लोबिन कम होने से बच्ची बीमार हो गई तो उसे खून की जरूरत पड़ी, लेकिन मां ने खून देने से भी इनकार कर दिया।आखिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बच्ची पर तरस आया तो उसने रक्तदान किया। परियोजना अधिकारी ने बताया कि महिला ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि बेटे की आस में उसे छठवीं बार भी बेटी हो गई थी।

मां ने बच्ची को ब्लड देने से भी मना कर दिया
रामपति बाई ने करीब चार-पांच महीने तक तो बच्ची प्रिया को स्तनपान कराया, लेकिन बाद में बंद कर दिया गया। ऐसे में बच्ची बहुत ज्यादा कुपोषित हो गई। यह जानकारी वजन लेने गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीरू राठौर को मिली तो उसने उसे भर्ती कराने के लिए कहा, लेकिन रामपति तैयार नहीं हुई।

इस पर परियोजना अधिकारी जितेंद्र तिवारी को जानकारी दी गई। परियोजना अधिकारी अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे और मां को समझाकर बच्ची को एनआरसी में भर्ती कराया। जांच में पता चला कि उसका वजन 3.5 किलो और हीमोब्लोबिन लेबल 3.2 था। मां रामपति का ब्लड सैंपल लिया गया ताकि मैच कराकर बच्ची को खून चढ़ाया जा सके। ब्लड मैच हुआ, लेकिन रामपति ने खून देने से मना कर दिया।

परियोजना अधिकारी के अनुसार रामपति ने कह दिया कि मर जाए पर वह खून नहीं देगी। यह सुनकर वह दंग रह गए और बाद में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बेटी ने बच्ची को खून दिया। जिसके बाद उसकी हालत में सुधार आया।

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