IND vs ENG: इंग्लैंड इसलिए हारा क्योंकि ओपनर बल्लेबाज फेल हुए, स्पिन गेंदबाज भी फीके रहे

IND vs ENG: इंग्लैंड इसलिए हारा क्योंकि ओपनर बल्लेबाज फेल हुए, स्पिन गेंदबाज भी फीके रहे


नई दिल्ली. इंग्लैंड टीम (English team) को चौथे टेस्ट में पारी और 25 रन से हार मिली. भारतीय दौरे (India vs England) आने से पहले इंग्लैंड ने श्रीलंका में टेस्ट सीरीज 2-0 से जीती थी. ऐसे में उससे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी. टीम ने उम्मीद के मुताबिक शुरुआत भी की और पहले टेस्ट में जीत भी हासिल की. लेकिन इसके बाद टीम के बल्लेबाज और गेंदबाज इस लय को बरकरार नहीं रख सके. तीसरे टेस्ट में सिर्फ एक स्पिन गेंदबाज को भी उतारना उन्हें भारी पड़ा. इंग्लिश टीम के हार के बड़े कारण इस तरह रहे:

ओपनर्स सिर्फ 16 की औसत से रन बना सके

किसी भी टीम की शुरुआत बेहद अहम माना जाती है. लेकिन पूरी सीरीज में इंग्लिश टीम के ओपनर अच्छी शुरुआत नहीं दिला सके. 3 खिलाड़ियों ने 16 की औसत से 259 रन बनाए. उनके ओपनर सिर्फ दो अर्धशतक लगा सके. 87 रन सबसे बड़ी पारी रही. सीरीज में ओपनर सिर्फ एक ही बार अर्धशतकीय साझेदारी कर सके. इसके पहले 2012 में इंग्लिश टीम ने जब सीरीज जीती थी तब ओपनर्स ने 57 की औसत से 770 रन बनाए थे.

4 मैच में सिर्फ दो शतकीय साझेदारीइंग्लिश टीम के खिलाड़ पूरी सीरीज में साझेदारी नहीं कर सके. पहले दो टेस्ट की पहली पारी में दो शतकीय साझेदारी हुई. इस कारण टीम पहला टेस्ट जीतन में सफल रही. लेकिन इसके बाद 7 पारियों में टीम एक भी शतकीय साझेदारी नहीं कर सकी. अंतिम 7 पारियों में सिर्फ एक पारी में टीम 200 रन का आंकड़ा छू सकी. रूट के अलावा कोई बल्लेबाज 300 रन का आंकड़ा नहीं छू सका.

हमारे स्पिनरों ने 67 तो इंग्लैंड के सिर्फ 37 विकेट ले सके

पूरी सीरीज में भारतीय स्पिन गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया. 80 में से 67 विकेट झटके. यानी 84 फीसदी. ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने सबसे ज्यादा 32 विकेट लिए. इसके अलावा बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल ने 27, बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप यादव ने 2, शाहबाज नदीम ने 4 और वाशिंगटन सुंदर ने 2 विकेट लिए. दूसरी ओर इंग्लैंड टीम के स्पिनर सिर्फ 37 विकेट ले सके. यानी हमारे स्पिन गेंदबाजों से 28 विकेट कम. बाएं हाथ के स्पिनर जैक लीच ने सबसे ज्यादा 18 विकेट लिए.

रोटेशन पॉलिसी पर भी सवाल, 17 खिलाड़ियों को दिया मौका

इंग्लिश टीम की रोटेशन पॉलिसी को लेकर भी कई सवाल उठे. पहला मैच जीतने के बाद भी टीम ने दूसरे मैच में चार बदलाव किए. पहले टेस्ट में उतरने वाले जोस बटलर, डॉम बेस, जोफ्रा आर्चर, जेम्स एंडरसन को दूसरे टेस्ट में नहीं उतारा गया. उनकी जगह मोईन अली, बेन फोक्स, स्टुअर्ट ब्रॉड और ओली स्टोन को मौका दिया. इसके अलावा पिंक बॉल टेस्ट में सिर्फ एक स्पिनर जैक लीच को उतारा जबकि टीम इंडिया तीन स्पिन गेंदबाज के साथ उतरी। मैच के 30 में से 28 विकेट स्पिनर्स को मिले थे. सीरीज में इंग्लैंड ने कुल 17 खिलाड़ियों को मौका दिया.

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और शून्य का बनाया विशेष रिकॉर्ड

मौजूदा सीरीज की बात की जाए तो इंग्लैंड टीम के 15 खिलाड़ी शून्य पर आउट हुए. यह भारत में खेली गई टेस्ट सीरीज में किसी भी विदेशी टीम का सबसे खराब रिकाॅर्ड है. इसके पहले 1978-79 में विंडीज के 14 खिलाड़ी शून्य पर आउट हुए थे. इंग्लैंड की ओर से सबसे ज्यादा तीन बार जॉनी बेयरस्टो शून्य पर आउट हुए हैं. इसके अलावा रॉरी बर्न्स, जोफ्रा आर्चर और जेम्स एंडरसन 2-2 बार खाता नहीं खोल सके. इसके अलावा लॉरेंस, सिब्ली, क्रॉले, लीच, ब्रॉड और स्टोन एक-एक बार शून्य पर आउट हुए.





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