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- Breaking Madhya Pradesh There Will Be More Focus On Teachers In The New Education Policy; A Target Of 20 Years For Change, Suggestions Will Be Sent To CM
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भोपाल14 मिनट पहले
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दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज समापन हो गई।
- दो दिवसीय कार्यक्रम में संस्कार के साथ रोजगार मुखी शिक्षा को लेकर चर्चा की गई
मध्यप्रदेश की शिक्षा-व्यवस्था में सुधार के लिए आयोजित दो दिवसीय शिक्षक शिक्षा संगोष्ठी में देश भर से आए शिक्षाविदों ने दो दिन तक मंथन किया। इसमें मुख्य रूप से छात्रों के साथ शिक्षकों पर फोकस किया गया। मुख्य रूप से शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए शिक्षा को रोजगार मुखी करने के साथ ही शिक्षक के सम्मान को दोबारा लौटाने पर रहा।
सूत्रों की माने तो पहले सभी सुझावों को सार्वजनिक किए जाने की बात की गई थी, लेकिन अभी इसे सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। बताया जाता है कि यह सुझाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजे जाएंगे। उनकी अनुमति मिलने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए हम आगे आएंगे। शिक्षक-शिक्षा विषय पर यह राष्ट्रीय संगोष्ठी मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का आधार बनेगी। शिक्षक-शिक्षा विषय पर किए गए मंथन से उपजे सुझावों पर ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्राप्त महत्वपूर्ण सुझावों को मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में लागू किया जाएगा।
मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य होगा
परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य होगा। 21वीं सदी में शिक्षक शिक्षा का कायाकल्प होगा। हम मुख्य रूप से ऐसी शिक्षा पर जोर देंगे, जो बच्चों को उनका भविष्य बनाने और अपने सपने पूरे करने में मददगार हो, ताकि देश का मान बढ़ सके। इसी से आत्मनिर्भर भारत की कल्पना साकार हो सकेगी। एक बार फिर लोग शिक्षा और शिक्षक को सम्मान की दृष्टि से देखे। शिक्षक का सम्मान वापस आने से नई पीढ़ी का रुझान भी इस क्षेत्र में बढ़ेगा।
20 साल में यह संभव
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी मौजूद रहे। नई शिक्षा नीति करीब 20 साल में लागू कर लक्ष्य हासिल करना तय किया गया हैं। मंत्री परमार ने कहा कि हम संकल्प लेंगे, तो आने वाले 15-20 वर्षों में यह संभव है। समाज को साथ लेने के लिए सकारात्मक आन्दोलन करें।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, मध्यप्रदेश शासन और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस संगोष्ठी में प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार, NCTE के अध्यक्ष विनीत जोशी, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष कैलाश चंद्र शर्मा व चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के कुलपति नरेन्द्र कुमार तनेजा, उपाध्यक्ष मंजूश्री सरदेशपांडे, प्रदेश संयोजक डॉक्टर शशिरंजन अकेला ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।