ICC टेस्ट चैम्पियनशिप में भारत का सफर: 6 में से सिर्फ 1 सीरीज न्यूजीलैंड से हारी टीम इंडिया, अब जून में उसी से होगा फाइनल मुकाबला

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अहमदाबाद17 मिनट पहले

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इंग्लैंड को चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-1 से हराकर टीम इंडिया ने ICC टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह पक्की कर ली है। भारत ने 6 सीरीज खेलते हुए 5 में जीत हासिल की। फरवरी 2020 में न्यूजीलैंड के खिलाफ उसी की धरती पर हुई 2 मैचों की सीरीज में भारत को हार झेलनी पड़ी थी। यह इस चैम्पियनशिप में भारतीय टीम की इकलौती सीरीज हार थी। अब 18 जून से लंदन के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर होने वाले फाइनल मुकाबले में भारत का सामना न्यूजीलैंड से ही होगा। चलिए जान लेते हैं इस चैम्पियनशिप में भारत ने कैसे फाइनल तक का सफर तय किया है।

टीम इंडिया ने तीन सीरीज में हासिल किए पूरे 120-120 अंक

टेस्ट चैंपियनशप में दो से लेकर पांच मैचों की सीरीज हुई। हर टीम को 6-6 सीरीज खेलनी थी। 9 टीमें होड़ में थी और हर सीरीज के लिए 120 अंक फिक्स थे। दो टेस्ट मैचों की सीरीज में एक मैच 60 अंक का था। वहीं 5 मैचों की सीरीज में 1 मैच 24 अंक था। भारतीय टीम ने अपनी 6 में से 3 सीरीज में पूरे 120-120 अंक हासिल किए।

वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत से हुई भारत की शुरुआत

भारत ने टेस्ट चैंपियनशिप में अपनी पहली सीरीज अगस्त- सितंबर 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वेस्टइंडीज में खेली। दो मैचों की सीरीज में टीम इंडिया ने 2-0 की आसान जीत हासिल की। इससे विराट एंड कंपनी को पूरे 120 अंक मिले। भारत का दूसरा असाइनमेंट अक्टूबर 2019 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपने होम ग्राउंड पर था। इसमें टीम इंडिया ने 3-0 से क्लीन स्वीप कर फिर पूरे 120 अंक हासिल किए। इसके बाद नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 की जीत के साथ भारत ने लगातार तीसरी बार 120 अंक हासिल किए।

न्यूजीलैंड में लो स्कोरिंग सीरीज में मिली हार
भारतीय टीम को फरवरी-मार्च 2020 में न्यूजीलैंड दौरे पर 0-2 की हार झेलनी पड़ी। इससे कीवी टीम को पूरे 120 अंक मिले। इस सीरीज के दोनों मैच स्विंग और सीम बॉलिंग के अनुकूल कंडीशंस में हुए। पहले टेस्ट में टीम इंडिया को 10 विकेट से और दूसरे टेस्ट में सात विकेट से हार झेलनी पड़ी।

रहाणे की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक जीत

इस चैंपियनशिप में भारतीय टीम के सामने सबसे मुश्किल चुनौती ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज खेलना था। पहले टेस्ट में भारतीय टीम बुरी तरह हारी और 36 रन पर ऑलआउट भी हुई। इसके बाद विराट कोहली वापस भारत लौट आए। सीरीज में भारत की 0-4 से हार तय मानी जा रही थी। लेकिन, अजिंक्य रहाणे की कप्तानी, रविचंद्रन अश्विन के अनुभव और रिषभ पंत, वॉशिंगटन सुंदर, मोहम्मद सिराज और शार्दूल ठाकुर जैसे युवा खिलाड़ियों के जुझारूपन ने असंभव को संभव कर दिखाया। टीम इंडिया सीरीज 2-1 से अपने नाम की। इस सीरीज से भारत को अहम 70 अंक मिले।

इंग्लैंड के खिलाफ कम से कम 2-1 की जीत जरूरी थी
कोरोना महामारी के कारण 2020 में क्रिकेट कैलेंडर गड़बड़ाने के कारण ICC ने टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में एंट्री के लिए प्वाइंट सिस्टम की जगह परसेंटेज पॉइंट सिस्टम को अपनाया था। इस बीच ऑस्ट्रेलिया का साउथ अफ्रीका दौरा रद्द हो गया। इससे न्यूजीलैंड की फाइनल में जगह पक्की हो गई और भारत के लिए इंग्लैंड को कम से कम 2-1 से हराना जरूरी हो गया। पहले टेस्ट में हार के बाद भारत की राह मुश्किल होती नजर आई, लेकिन इसके बाद टीम इंडिया ने लगातार तीन मैच जीतकर पहले स्थान पर रहते हुए लॉर्ड्स में न्यूजीलैंड के साथ मुकाबले का टिकट कटा लिया।

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