- Hindi News
- Local
- Mp
- Ujjain
- 83.49 Lakh Fraud Cases Filed Against The Board Of Directors Of The New City Housing Institution In Ujjain
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
उज्जैन2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
संस्था ने गैर सदस्यों को चोरी से बेच दी बेशकीमती जमीन
- डीएम ने शिकायत के बाद कराई थी जांच
उज्जैन में नवीन नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष सहित संचालक मंडल के खिलाफ नानाखेड़ा थाना पुलिस ने धोखाधड़ी व षड्यंत्र रचने का प्रकरण दर्ज किया है। संचालक मंडल ने कलेक्टर गाइड लाइन से संस्था की जमीन को बेचकर राशि को संस्था में जमा नहीं करते हुए आर्थिक अनियमितताएं की थीं तथा गैर-सदस्यों को चोरी से जमीन बेच दी थी। सहकारिता निरीक्षक संतोष सांकलिया की रिपोर्ट पर संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष और संचालक के खिलाफ नानाखेड़ा पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 व 120 बी में प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार वर्ष 2007-08 में संस्था की हरिफाटक मार्ग स्थित जमीन सर्वे क्रमांक 81/2/2 रकबा 0.470 हेक्टेयर तथा सर्वे क्रमांक 81/3 का रकबा 0.504 हेक्टेयर को 31 मार्च 2008 को विक्रय पत्र से अन्य लोगों को 15 लाख 30 हजार रुपए में बेच दिया था। कलेक्टर गाइड लाइन के तहत उक्त भूमि की कीमत 30 लाख 30 हजार रुपए थी। इसी तरह संस्था की कुछ भूमि 22 लाख 83 हजार रुपए में बेची गई। विक्रय की राशि संस्था के वित्तीय पत्रकों में नहीं दिखाई गई। वर्ष 2011-12 में संस्था संचालकों ने कलेक्टर गाइड लाइन से कम दर पर जमीन को बेचते हुए 83 लाख 49 हजार रुपए की हानि संस्था को पहुंचाई। साथ ही मप्र सहकारी सोसायटी अधिनियम-1960 की धारा-72डी के अंतर्गत पंजीयक सहकारी संस्था की बगैर अनुमति के ही जमीन बेची गई। मामले में पुलिस ने तत्कालीन अध्यक्ष मोहम्मद हुसैन, उपाध्यक्ष नवीन कुमार, संचालकगण हरदीप, बद्रीलाल, शारदाबाई, फरीदाबाई, हजारीलाल, दयाराम व भेरूलाल आदि के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
जांच में खुलासा; गैर सदस्यों को कलेक्टर गाइड लाइन से कम में बेची जमीन
मामला कलेक्टर आशीष सिंह के पास पहुंचा था, जिसमें उन्होंने सहकारिता विभाग की निरीक्षकों से जांच करवाई थी। जांच में कलेक्टर गाइड लाइन से कम में गैर सदस्यों को जमीन बेचने और संस्था को हानि पहुंचाने तथा बगैर सक्षम अनुमति लिए जमीन बेचने एवं राशि को संस्था में जमा नहीं करने के मामले सामने आए। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर ने उपायुक्त सहकारिता ओपी गुप्ता को दोषी लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के आदेश दिए थे।