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नई दिल्ली2 मिनट पहलेलेखक: सिंगापुर से भास्कर के लिए वीके संतोष कुमार
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रितु फोगाट
- रेसलिंग छोड़ एमएमए फाइटर बनी रितु वन एटमवेट वर्ल्ड ग्रांप्री में उतरेंगी, पहला राउंड 28 मई से
26 साल की रितु फोगाट वन एटमवेट वर्ल्ड ग्रांप्री में हिस्सा लेने वाली 8 प्रतिभागियों में से एक हैं। हरियाणा की मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) फाइटर दुनिया के सबसे बड़े एमएमए टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगी, जिसका पहला राउंड 28 मई से शुरू हो रहा है। इसकी विजेता लगातार तीन बार की डिफेंडिंग चैंपियन एंजेला ली से वर्ल्ड टाइटल के लिए भिड़ेगी।
यह नवंबर में होगा। भारत का कोई भी खिलाड़ी अब तक एमएमए में वर्ल्ड चैंपियन नहीं बना है। रितु ने फरवरी 2019 में रेसलिंग छोड़कर एमएमए को चुना था। अपनी तैयारी, रेसलिंग छोड़कर एमएमए से जुड़ने और सिंगापुर में अकेले रहने को लेकर रितु ने बातचीत की।
सिंगापुर में शुरुआत में अकेलापन महसूस होता था, मेडिटेशन कर खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूूत बनाया
वे कहती हैं, ‘मैं पिछले साल होली पर (9 मार्च) को भारत गई थी। कोरोना के कारण उसके बाद नहीं गई क्योंकि इससे मेरा करिअर प्रभावित होता। सिंगापुर में लंबे क्वारेंटाइन नियम हैं। मेरी एक महीने की ट्रेनिंग छूट जाती। यह मेरी वर्ल्ड टाइटल की तैयारी के लिहाज से अच्छा नहीं है।
पिता ने मुझसे कहा था कि बेस्ट देने पर ध्यान दो। इसके अलावा बाकी सबकुछ भूल जाओ।’ हरियाणा के छोटे से गांव बलाली की रितु को सिंगापुर के इवॉल्व मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स जिम में ट्रेनिंग करने का प्रस्ताव मिला था। शुरुआत में उन्हें वहां एडजस्ट करने में बहुत दिक्कतें आईं।
वहां की संस्कृति, खाना, रहन-सहन सब अलग थे। वे कहती हैं, ‘उस समय जब भी माता-पिता से फोन पर बात होती, मैं भावुक हो जाती और रोना शुरू कर देती। लेेकिन अब मैं उस समय की तुलना में मानसिक रूप से ज्यादा मजबूत हो गई हूं।’ रितु हफ्ते में तीन दिन ट्रेनिंग करती हैं।
वे एक अपार्टमेंट में रहती हैं और खुद को फिट व हेल्दी रखने के लिए शाकाहारी खाना खुद पकाती हैं। उन्होंने 16 नवंबर 2019 में एमएमए और वन चैंपियनशिप में डेब्यू किया था। तब उन्होंने बीजिंग में द. कोरिया की किम नेम ही को पहले राउंड में टेक्निकल नॉकआउट कर दिया था। तब उन्हें रेसलिंग छोड़कर एमएमए शुरू किए हुए सिर्फ 8 महीने हुए थे।
वे कहती हैं, ‘मैं हमेशा से ही कुछ अलग करना चाहती थी। मैंने एमएमए ज्वाइन करने के बारे में पिता और बहनों से बात की थी। तब उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें रुचि है तो बिल्कुल जाना चाहिए। अब मैं हर दिन कुछ न कुछ नया सीख रही हूं। कुश्ती के मेरे ज्ञान ने मुझे इसमें मदद की। लेकिन मैं लगातार नई टेक्नीक सीख रही हूं।’ इवॉल्व में प्रोफेशनल ट्रेनर की निगरानी में रितु ने ब्राजीलियन जियु-जित्सू और मुआ थाई में महारत हासिल कर ली है। रितु कहती हैं, ‘पिछले साल ट्रेनिंग नहीं चल रही थी और मैं अकेली थी।
तब सोचा कि इससे मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो जाऊंगी। मैंने मेडिटेशन शुरू की। मुझे पता था कि खुद को व्यस्त रखना कितना जरूरी है। मैंने घर पर रहने का फायदा उठाया और बॉक्सिंग स्किल को सुधारा। पिछले 10 महीनों में मैंने बॉक्सिंग में काफी सुधार किया है। मैं सही दिशा में आगे बढ़ रही हूं।
जब मुझे पता चला कि ग्रांप्री का हिस्सा बनने जा रही हूं तो मैं बहुत उत्साहित हुई। मेरी अप्रैल में एक और फाइट करने की योजना है। ताकि ग्रांप्री में खेलने से पहले मैच प्रैक्टिस हो सके। रिंग में अभी मैं जिस स्तर पर हूं, उससे खुश हूं। जब मैं ग्रांप्री में पहली फाइट करूंगी तो विरोधी भी मुझे देखकर चौंक जाएंगे। वे मुझे रेसलिंग के लिए जानते हैं लेकिन अब स्ट्राइकिंग एबिलिटी भी देखेंगे। मेरा लक्ष्य एंजेला को हराना है। उसके लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं और मैं इसे हासिल कर लूंगी। बस कुछ समय की बात है।’