राजस्थान के शहर जोधपुर (जिसे सनसिटी भी कहा जाता है) में एयरमैन दुराई राज के घर 3 दिसंबर 1982 को एक बेटी का जन्म हुआ, जिसका नाम मिताली दुराई राज रखा गया. मिताली की मां तमिल की रहने वाली थी, मां चाहती थी कि बेटी डांसर बने, इसलिए मिताली को बचपन से भरतनाट्यम की ट्रेनिंग खूब मिली, पापा चाहते थे कि बेटी क्रिकेटर बने, लेकिन मामला मम्मी का था तो पापा थोड़ा खामोश थे.
मिताली के भाई क्रिकेट कैम्प जरूर जाते थे, कभी कभी भाई के साथ मिताली भी कैम्प चली जाती थी, और बल्ले और गेंद पर हाथ आजमा लेती थी. उस वक़्त वहां के जो कोच थे उन्होंने जब मिताली को क्रिकेट खेलते देखा तो मिताली के टैलेंट को देखकर हैरान रह गए.
क्रिकेट की वजह से मिताली का आलस हुआ खत्मकोच साहब ने मिताली के पिताजी से बात की, और कहा-‘दुराई साहब, आपके बेटे का तो पता नही, पर आप की बेटी बहुत बढ़िया क्रिकेट खेलती है, इसको सिखाइये’ दुराई साहब यही तो चाहते थे, अगले ही दिन उन्होंने मिताली को कैम्प जॉइन करवाया..लेकिन यहां एक और दिक़्क़त थी, मिताली बचपन से बहुत आलसी थी. अब साढ़े 4 बजे उठना, ठंड का मौसम, घर वाले सो रहे हो, आप अकेले ट्रेनिंग पर जाओ था तो मुश्किल काम, लेकिन पापा ठहरे फोर्स वाले, तो मिताली डेली अभ्यास पर जाने लगी. स्कूल लेवल पर मिताली ने जबरदस्त खेल दिखाया, फिर आंध्र लीग में मिताली ने बहुत से मैच खेले, और लगातार अच्छा प्रदर्शन जारी रखा.
साल 1999 में आखिरकार वो कॉल आ गया, जिसका इंतजार हर क्रिकेटर करता है, इंडिया के लिए खेलना, महज 16 साल की मिताली ने आयरलैंड के खिलाफ धमाकेदार डेब्यू किया और अपने पहले मैच में ही 114 रनों की पारी खेल डाली.
पहले मैच में 0 पर आउट हुईं मिताली
मिताली ने 2001 में अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया, लेकिन यहा शुरुआत ठीक नहीं हुई, पहले मैच में मिताली 0 रन बनाकर आउट हो गयी, लेकिन मिताली ने हिम्मत नहीं हारी. अपने तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ मिताली ने वो कर दिखाया जो आज तक महिला क्रिकेट में नहीं हुआ था, मिताली ने 214 रनों की पारी खेलकर, ऑस्ट्रेलिया की करेंन्न बोल्टन (209) का रिकॉर्ड अपने नाम किया.
कप्तानी और कमाल
साल 2005 और 2017 में मिताली की कप्तानी में भारतीय टीम विश्व कप के फाइनल में पहुंची, साल 2006 में इंग्लैंड को उसी के घर मे हराया, मिताली की कप्तानी में भारत ने एशिया कप भी जीता, मिताली साल 2010, साल 2011, और साल 2012 में बल्लेबाज़ों की रैंकिंग में नंबर वन रह चुकी हैं.
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लेडी सचिन
मिताली के बैग में महिला क्रिकेट के सारे रिकॉर्ड लगभग भरे पड़े है, मिताली ने भारत के लिए 210 वनडे मैच खेले है, जिसमे 50 से ऊपर की औसत से 6938 रन बनाए है, जो महिला क्रिकेट में सबसे ज्यादा है, इसके अलावा 89 टी 20 में 2364 रन बनाये है जो महिला क्रिकेट में सबसे ज्यादा है, साथ ही मिताली सबसे लंबे वक्त तक क्रिकेट खेलने के मामले में सचिन के बाद दूसरी खिलाड़ी है, मिताली को लेडी सचिन भी कहा जाता है.