International Women’s Day: पिता की हत्‍या भी नहीं तोड़ पाई विनेश फोगाट की हिम्‍मत, अब बनीं दुनिया की नंबर एक पहलवान

International Women’s Day: पिता की हत्‍या भी नहीं तोड़ पाई विनेश फोगाट की हिम्‍मत, अब बनीं दुनिया की नंबर एक पहलवान


26 साल की विनेश टोक्यो ओलिंपिक खेलों के लिए क्‍वालिफाई फाई करने वाली एकमात्र भारतीय महिला पहलवान है. (फोटो: पीटीआई )

दुनिया की नंबर एक महिला पहलवान विनेश फोगाट का अब लक्ष्‍य टोक्‍यो ओलिंपिक में मेडल जीतने पर है.

नई दिल्‍ली. भारत की स्‍टार पहलवान विनेश फोगाट (vinesh phogat) ने माटियो पैलिकोन रैंकिंग कुश्ती सीरीज में जीत दर्ज करके लगातार दूसरे सप्ताह दूसरा स्वर्ण पदक जीता. 26 साल की विनेश टोक्यो ओलिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय महिला पहलवान है. इस भारतीय पहलवान ने प्रतियोगिता में विश्व की नंबर तीन पहलवान के रूप में प्रवेश किया और 14 अंक हासिल करके फिर से 53 किग्रा भार वर्ग में  नंबर एक बन गई. विनेश का अब लक्ष्‍य टोक्‍यो ओलिंपिक में मेडल जीतने पर है.

विनेश का दुनिया की नंबर एक पहलवान बनने का सफर बिल्‍कुल आसान नहीं था. बचपन में विनेश के पिता की हत्‍या हो गई थी. यही नहीं चोट के चलते रियो ओलिंपिक से भी वह बाहर हो गई थी. इसके बावजूद वह टूटी नहीं और न ही उनकी मेहनत में कमी आई. जिसका परिणाम आज पूरी दुनिया के सामने है.

जमीन विवाद के कारण पिता की हुई थी हत्‍या  
विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 में हरियाणा के भिवानी जिले में हुआ था. इनके माता पिता प्रेमलता और राजपाल सिंह फोगाट हैं. इनके पिता महावीर सिंह फोगाट (पहलवान बबीता के पिता) के भाई थे. जबकि पहलवान बबीता, रितु और गीता इनकी चचेरी बहन हैं. साल 2013 में हुई एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप से इन्होंने अपने कुश्ती के करियर की शुरूआत की थी.यह भी पढ़ें : 

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विनेश फोगाट के लिए सब कुछ इतना आसान नहीं रहा. जब वह और उनकी बहन छोटी थीं, उसी समय जमीन विवाद में उनके पिता की हत्या हो गई. उन्होंने अपनी चचेरी बहनों के साथ ही पहलवानी के गुर सीखे. रियो ओलिंपिक में चोट के कारण उनका सपना टूट गया, लेकिन ये सब मिलकर भी विनेश के हौंसले को डिगा नहीं पाए. रियो ओलंपिक में चोट के बाद बाहर हुई महिला पहलवान विनेश फोगाट ने एशियाई खेलों में भारत को दूसरा गोल्ड मेडल दिलाया. एशियन गेम्स के इतिहास में ये पहला मौका था जब भारत ने महिला रेसलिंग में गोल्ड मेडल जीता.








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