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काेटाएक घंटा पहलेलेखक: प्रवीण जैन
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मां नबनीता के साथ सिद्धांत मुखर्जी।
- जेईई मेन में 100 पर्सेंटाइल लाने वाले कोटा क्लास रूम के सिद्धांत की मां का इंटररव्यू
जेईई मेन में काेटा क्लासरूम से 100 पर्सेंटाइल हासिल करने वाले सिद्धांत मुखर्जी के टॉपर बनने के पीछे उसकी मां नबनीता मुखर्जी की प्रेरणा और त्याग की अहम भूमिका है। भास्कर से बातचीत में नबनीता ने बताया कि वे मुंबई में बैंक में डायरेक्टर थीं, लेकिन बेटे के भविष्य के लिए अपना कॅरिअर ब्रेक लेकर कोटा आ गईं।
यहां राजीव गांधी नगर में बेटे के साथ रहकर उसे पढ़ाया। 11वीं से ही सिद्धांत कोटा में पढ़ रहा है। इससे पहले नानी श्रीपर्णा उसके साथ रही थीं। नबनीता बताती हैं कि बेटे की आगे की पढ़ाई तक वह खुद के जॉब के बारे में नहीं सोच सकती है। सिद्धांत के आईआईटीयन पिता संदीप की रिस्क मैनेजमेंट कंपनी है।
काेटा का रिकाॅर्ड बरकरार: पहले 360 में से 360 लाया था कल्पित, अब सिद्धांत का भी दावा
सिद्धांत का दावा तो ये भी है कि आंसर की के मिलान के आधार पर उसे 300 में से 300 मार्क्स मिले हैं। हालांकि एनटीए नंबर नहीं सिर्फ पर्सेंटाइल जारी करता है। इससे पहले जेईई मेन्स में कल्पित वीरवाल 2017 में 360 में से 360 मार्क्स लाने वाला पहला स्टूडेंट था। उसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकाॅर्ड में दर्ज है। हालांकि तब एनटीए की ओर से नंबर जारी किए जाते थे।
सीएस फील्ड में इनोवेशन करना चाहता है सिद्धांत
सिद्धांत की मां नबनीता ने बताया कि बचपन से ही कराटे की हाॅबी रही है। कभी टेनिस भी खेलता है। कराटे में ब्लैक बेल्ट है। रेगुलर आठ घंटे तक पढ़ाई की है। साथ कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से भी एडमिशन का ऑफर मिल चुका है। सिद्धांत आईआईटी मुंबई में बीटेक के बाद सीएस फील्ड में कुछ इनोवेटिव करना चाहता है।