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- Mathematics Of 3611 Crores In Tariff Petition Is Wrong, Now The Burden Of 2629 Crores Will Fall On The Users.
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भोपाल2 मिनट पहले
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- बिजली कंपनी के रिटायर्ड एडीशनल चीफ इंजीनियर ने ही गिना दी गड़बड़ी
रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल ने बिजली की दरें बढ़ाने की याचिका पर कंपनी अफसरों को उनकी गड़बड़ियों गिना दी। नए वित्तीय वर्ष से लागू होने वाले बिजली के टैरिफ पर सवाल खड़े कर दिए। उनका दावा था कि 3611 करोड़ के प्रस्तावित टैरिफ में आय-व्यय की गणना, विभिन्न तरह के खर्च का आकलन गलत तरीके से किया गया है।
दरअसल एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने नए वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दरें बढ़ाने की याचिका मप्र विद्युत नियामक आयोग के सामने रखी है। इसको लेकर आयोग ने मंगलवार काे वर्चुअल जन सुनवाई की। सुनवाई में चेयरमैन एसपीएस परिहार, ज्युडीशियल मेंबर शशि भूषण पाठक,टेक्निकल मेंबर मुकुल धारीवाल मौजूद रहे।
2629 करोड़ का घाटा… बताकर बिजली दरें बढ़ाने के लिए दायर है याचिका
एक अप्रैल से बिजली की नई दरें लागू करने की खातिर एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 2629 कराेड़ का घाटा बताकर 8.32 फीसदी तक बिजली दरें बढ़ाने के लिए विद्युत नियामक आयोग के सामने याचिका दायर की है। जनसुनवाई के दाैरान बिजली कंपनी के रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल, भाेपाल में पदस्थ रहे पूर्व विद्युत लोकपाल डी. खंडेलवाल ने आपत्ति दर्ज कराई। अग्रवाल ने कहा कि 3611 कराेड़ रुपए का गणित ही वास्तविक तथ्यों से परे है। वार्षिक राजस्व जरूरत में 2629 कराेड़ का घाटा बता दिया ताे उपभाेक्ताओं पर बाेझ पड़ेगा।
टैरिफ को कंट्रोल करना चाहिए
पूर्व विद्युत लोकपाल डी खंडेलवाल ने कहा कि डूबत खाते के 400 कराेड़ मांग रहे हैं, इसका काेई विवरण याचिका में नहीं दिया, इसकी वसूली के लिए यह भार उपभाेक्ताओं पर नहीं डाला जाना चाहिए। पावर पर्चेस कास्ट के कारण सबसे ज्यादा टैरिफ बढ़ता है। इसे कंट्रोल करना चाहिए। इसके लिए क्या जरुरी उपाय किए जाएंगे, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी काे 400 मेगावाट सरेंडर कर दें। जितने भी पावर पर्चेस एग्रीमेंट हुए हैं, वह लाभकारी नहीं हैं।
ये बताईं गड़बड़ियां
- खरगोन में स्थित एनटीपीसी पावर हाउस के नाम पर 772 कराेड़ रुपए दाे बार जाेड़ लिए।
- नवीनीकरण ऊर्जा दायित्व काे पूरा करने के अतिरिक्त बिजली खरीदने की अनिवार्यता के नाम पर कंपनी बिजली न खरीदकर नवीनीकरण ऊर्जा प्रमाण पत्र यानी कागज खरीदने के नाम पर ही 391 कराेड़ जाेड़ दिए।
- एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी बड़े उपभाेक्ताओं काे ड्यू डेट के पहले पेमेंट करने पर 2 फीसदी छूट देती है। इस छूट काे आय मानकर 496 कराेड़ की आमदनी बता दी।
- बिजली के बिल माफ करने यानी डूबत एवं शंकास्पद ऋण के एवज में 422 कराेड़ मांगे हैं। याचिका में यह विवरण नहीं दिया कि किनके बिल माफ किए और और बकाया राजस्व वसूली के क्या प्रयास किए।