कोर्ट का फैसला: फर्जी रसीद से होटल संचालक को 10 लाख में प्लॉट बेचा, आरोपी को 2 साल की सजा

कोर्ट का फैसला: फर्जी रसीद से होटल संचालक को 10 लाख में प्लॉट बेचा, आरोपी को 2 साल की सजा


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उज्जैन32 मिनट पहले

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फर्जी रसीद से प्लॉट बेचने के मामले में बुधवार को कोर्ट ने आरोपी को दो साल की सजा सुनाई है तथा 2500 रुपए का अर्थदंड किया है। मामला वर्ष 2014 का है। ग्रेटर रतन एवेन्यू कॉलोनी में 10 लाख रुपए में प्लॉट बेचा गया था, जिसकी रसीद फर्जी पाई गई थी। उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास ने बताया होटल संचालक विजय कुमार मित्तल को 5 जनवरी 2014 को हरीश माहेश्वरी ने मोबाइल लगाकर कहा था कि मैंने ग्रेटर रतन एवेन्यू कॉलोनी में एक प्लॉट खरीदा है उसका पूरा पेमेंट भी कर दिया है। जिसकी रसीद मेरे पास है। मुझे 10 लाख रुपए की आवश्यकता है।

इसके एक घंटे बाद माहेश्वरी आया और उसने विजय कुमार को ग्रेटर रतन एवेन्यू कॉलोनी के प्लॉट की रसीद दिखाकर कहा कि जब भी तुम कहोगे, प्लॉट की रजिस्ट्री आपके नाम से करवा दूंगा। विजय कुमार ने उस पर विश्वास करके रसीद ली व उसे एचडीएफसी बैंक का दस लाख रुपए का चेक दे दिया। इसकी राशि आरोपी के खाते में ट्रांसफर हो गई। विजय ने दो-तीन माह बाद जब हरीश से रजिस्ट्री करवाने के लिए कहा तो वह टाल गया।

उसे शंका हुई और वह ग्रेटर रतन एवेन्यू के ऑफिस गया तो पता चला उक्त प्लॉट की रजिस्ट्री संगीता जैन निवासी नयापुरा के नाम से हो गई है। इसके बाद न तो उसने राशि लौटाई और न प्लॉट की रजिस्ट्री उसके नाम से करवाई। उसने इसकी रिपोर्ट नीलगंगा थाने में दर्ज करवाई।

पुलिस ने जांच पूरी कर कोर्ट में प्रकरण पेश किया। यहां अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने हरीश पिता अशोक माहेश्वरी निवासी इंद्रप्रस्थ टावर निजातपुरा को धारा 467, 468, 471 भादवि में दो साल की सजा व 2500 रुपए का अर्थदंड किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक मुकेश जैन ने की।

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