बरकतउल्ला विश्वविद्यालय: बीयू में न रिसर्च वर्क, न पर्याप्त फैकल्टी फिर भी बिल्डिंग बनाने के लिए काट दिए हरे पेड़

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय: बीयू में न रिसर्च वर्क, न पर्याप्त फैकल्टी फिर भी बिल्डिंग बनाने के लिए काट दिए हरे पेड़


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भोपालएक घंटा पहले

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अभी बरकतउल्ला विवि परिसर में 18 बिल्डिंग हैं

  • अफसरों की दलील-एडमिन ब्लाॅक छाेटा पड़ता है, इसलिए एनेक्सी की जरूरत

बरकतउल्ला विवि में हरे-भरे क्षेत्र में पेड़ों को काटकर नई बिल्डिंग बनाई जा रही है। ऐसा उस स्थिति में हो रहा है जब यहां न तो पर्याप्त फैकल्टी है और न ही उल्लेखनीय रिसर्च वर्क हुआ है। यही नहीं राजभवन में परीक्षा परिणाम की देरी पर भी हाल में समन्वय समिति की बैठक पर भी इसका मुद्दा उठा था। अब करीब 20 करोड़ रुपए की लागत से यहां दो नए भवन तैयार किए जा रहे हैं।

जहां बिल्डिंग बन रही है वहां पेड़ों को काटकर जमीन समतल की जा रही है। जेसीबी मशीन चलाकर यहां जमीन को साफ किया जा रहा है। जिस जगह पेड़ काटे जा रहे हैं उस क्षेत्र को टीन लगाकर कवर कर दिया गया है। यहां दर्जनों बड़े पेड़ काट दिए गए हैं। गौरतलब है कि बीयू में पहले से ही 18 बिल्डिंग हैं।

20 करोड़ रुपए की लागत से बन रही है 20 से ज्यादा पेड़ों को काटकर बिल्डिंग

बीयू के एडमिन ब्लाॅक के पिछले हिस्से में इसकी एनेक्सी बनाई जा रही है। यहां के अधिकारियों की दलील है कि एडमिन ब्लाॅक छाेटा पड़ता है इसलिए एनेक्सी की जरूरत है। विभिन्न बैठकों को करने के लिए एनेक्सी बनाई जा रही है। जबकि यहां पूर्व से ही कई बिल्डिंग हैं जिनका ठीक से उपयोग ही नहीं हो रहा। जिस जगह पर एनेक्सी बन रही है वहां बड़े पेड़ लगे थे। बताया जाता है कि यहां 20 से भी ज्यादा छोटे-बड़े पेड़ काट दिए गए हैं। इसी तरह एडमिन ब्लाॅक से कुलपति निवास की ओर जाने वाले रास्ते पर भी बिल्डिंग बन रही है।

105 में से 39 फैकल्टी
बीयू के अधिकारियाें के मुताबिक यहां 105 शिक्षकों के पद सेंक्शन हैं और केवल 39 ही स्थाई फैकल्टी है। फैकल्टी कम होने की वजह से यहां उल्लेखनीय रिसर्च वर्क भी नहीं हो रहे हैं, क्योंकि शिक्षकों के पास इसके लिए समय ही नहीं मिलता।

^बीयू में एडमिन ब्लाॅक अपेक्षाकृत छोटा है। कार्यपरिषद की बैठकों के लिए भी हाॅल की जरूरत है। इस वजह से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। जो भी काम हो रहे हैं उसकी परमिशन है।
डॉ. एचएस त्रिपाठी, कुलसचिव, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय

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