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- The Medical Operator Was Treating The Woman In Bhind; When The Stretcher Was Not Received, The Family Reached The Police Station With The Dead Body In Hand, The Ruckus
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भिंड35 मिनट पहले
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भिंड के कस्बों में झोलाछाप और मेडिकल संचालक कर रहे हैं इलाज।
जिले के दबोह कस्बे में एक मेडिकल संचालक ने बीमार महिला का इलाज कर रहा था। इसी दौरान महिला की मौत हो गई। मेडिकल संचालक ने परिजनों को शव ले जाने के लिए तत्काल कहा। इसके बाद परिजनों को न स्टेचर मिला और ना ही एंबुलेंस। परिजन हाथ से ही शव उठाकर थाने तक ले गए। यहां से पोस्टमार्टम के लिए शव को लहार भेजा गया।
आलमपुर के ग्राम खुर्द से चंद्रा पत्नी कल्लू जाटव (45) को बीमारी की स्थिति में परिजन दबोह कस्बे में लेकर आए। महिला को उपचार के लिए परिजन सीधे चावला मेडिकल स्टोर ले गए। यहां मेडिकल स्टोर संचालक ने महिला की हालत गंभीर बताई और ले जाने को कहा। लेकिन परिजन इलाज पर अड़ गए। इसके बाद मेडिकल संचालक ने उसे इंजेक्शन और दवा दी। उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद मेडिकल संचालक के हाथ पैर फूल गए और शव को बाहर निकाल दिया। इसके बाद परिजनों को तत्काल शव ले जाने को कहा। परिजन को स्ट्रेचर न मिलने की स्थिति में हाथों पर रखकर शव को ले गए। यह घटना बुधवार देर रात की है।
परिजनों ने किया हंगामा
प्रत्यक्ष दर्शियों के मुताबिक मृतक महिला के परिजनों ने करीब आधा घंटे तक मेडिकल के बाहर हंगामा किया। मृतक महिला के पुत्र विशाल ने मेडिकल संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाया। इसके बाद मौके पर पुलिस को बुला लिया गया। जब उन्होंने कोई कार्रवाई होती नहीं दिखी तो वे मृत महिला के शव को लेकर थाने चले गए।
भाई का आरोप- पुलिस बनी लापरवाह
मृतका के भाई प्रताप जाटव का कहना है कि चंद्रा के हाथ पैरों दर्द था। गलत इंजेक्शन लगाने से मेरी बहन की मौत हुई है। इसके बाद शव के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला तो थाने तक हाथों पर रखकर ले गए। यहां पुलिस ने पिकअप वाहन को किराए से कराया और पोस्टमार्टम के लिए लहार लेकर पहुंचा। पुलिस थाने में मेडिकल संचालक के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है।
दबोह में झोलाछाप चिकित्सक है सक्रिय
दबोह, आलमपुर सहित आसपास के क्षेत्र में झोलाछाप चिकित्सक सक्रिय है। वे गंभीर से गंभीर बीमारी के मरीजों का उपचार करने का दवा ठोकते है। वहीं मेडिकल संचालक भी आगे आ रहे है। मेडिकल संचालक व झोलाछाप डाॅक्टर मरीजों को भर्ती तक कर रहे हैं। उचित उपचार व्यवस्था न होने की वजह से कई मरीजों को जान से हाथ धोने पड़ रहा है।