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अहमदाबाद7 मिनट पहले
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भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टी-20 मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला शुक्रवार (12 मार्च) को नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद में खेला जाएगा। यह सीरीज इसी साल अक्टूबर-नवंबर में भारत में ही होने वाले ICC वर्ल्ड टी-20 के लिए काफी अहम मानी जा रही है। भारतीय टीम कई अहम सवालों के जवाब इस सीरीज में ढूंढने की कोशिश करेगी। इन्हीं में एक सवाल यह है कि क्या भारत को टी-20 मैचों में पहले बल्लेबाजी करने की स्थिति में ज्यादा आक्रामक रवैया अपनाना चाहिए? चलिए देखते हैं…
9 से कम है टीम इंडिया का बैटिंग फर्स्ट रन रेट

पिछले तीन साल (1 जनवरी 2018 से 1 जनवरी 2020 तक) के प्रदर्शन की बात करें तो पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम का औसत रन रेट 8.85 का रहा है। इस लिहाज से भारतीय टीम ICC के फुल मेंबर्स टीमों में चौथे स्थान पर है (देखें ग्राफिक्स)। इस टाइम पीरियड में न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड का पहले बल्लेबाजी करते हुए रन रेट भारत से बेहतर रहा है।
2016 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में हार से शुरू हुई चर्चा
भारतीय टीम 2016 में अपनी ही जमीन पर हुए वर्ल्ड टी20 के सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज से हार गई थी। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए दो विकेट पर 192 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज ने 19.4 ओवर में तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया था। तब माना गया कि उस पिच पर टीम इंडिया को कम से कम 215-220 रन बनाने चाहिए थे। उस मुकाबले में हार के बाद भारतीय टीम के ऊपर चेजिंग टीम का टैग लगना शुरू हुआ। यानी ऐसी टीम जो टारगेट का का पीछा करना तो बखूबी जानती है, लेकिन टारगेट सेट करना नहीं जानती।
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि विराट एंड कंपनी को टारगेट का पीछा करना ज्यादा भाता है। पिछले तीन साल में भारत ने टारगेट का पीछा करते हुए 78% मैच जीते हैं, वहीं, पहले बैटिंग करते हुए सिर्फ 54% मैचों में ही जीत मिली है।
टॉप-4 में दो बल्लेबाजों को देना होगा लाइसेंस टू किल

भारतीय टीम को अगर पहले बैटिंग करते हुए जीत प्रतिशत बढ़ाना है तो उसे टॉप-4 में कम से दो बल्लेबाजों को तूफानी पारी खेलने की छूट देनी होगी। लोकेश राहुल पिछले कुछ समय से इसका प्रयास भी कर रहे हैं। अब ऋषभ पंत या श्रेयस अय्यर (दोनों में से जो भी टॉप-4 में खेलें) को भी खुल कर खेलने की आजादी देनी होगी। विराट और रोहित को दूसरे छोर से तेज खेलने के साथ-साथ टीम को संभालने की जिम्मेदारी लेनी होगी। अगर दोनों एक साथ क्रीज पर होते हैं तो किसी एक को ज्यादा आक्रामक होना होगा।
मिडिल ऑर्डर में भी फायर पावर बढ़ाने की कोशिश
भारतीय टीम ने इस सीरीज के लिए मिडिल ऑर्डर में भी अधिक स्ट्राइक रेट वाले बल्लेबाजों को चुना है। टी-20 में ओवरऑल (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सहित) 150 की स्ट्राइक रेट वाले ऋषभ पंत टीम में हैं। साथ ही 140 की स्ट्राइक रेट वाले सूर्यकुमार यादव और 133 की स्ट्राइक रेट वाले इशान किशन को भी शामिल किया गया है। वहीं, 129 की स्ट्राइक रेट वाले संजू सैमसन और 124 की स्ट्राइक रेट वाले मनीष पांडे बाहर कर दिए गए हैं।
वर्ल्ड टी-20 के लिए टीम फाइनल करने का इरादा

टीम इंडिया के बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने कहा है कि सीरीज के बाद अंदाजा लग जाएगा कि वर्ल्ड कप के लिए कौन-कौन खिलाड़ी दावेदार होंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि जब तक टीम जीत रही है, तब तक उन्हें बल्लेबाजों के स्ट्राइक रेट की खास चिंता नहीं है, लेकिन दूसरी ओर विशेषज्ञ कह रहे हैं कि भारतीय टीम इस सीरीज में जीत से ज्यादा खेलने का तरीका खोजने उतरेगी। टीम अभी से यह अंदाजा लगाने की कोशिश करेगी कि वर्ल्ड कप में उसे किस टेम्पो के साथ बैटिंग करने की जरूरत है।