Ujjain-महाकाल मंदिर में साल में एक बार शिवरात्रि के अगले दिन दिन में भस्म आरती होती है.
Ujjain : कोरोना महामारी के कारण महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में होने वाली भस्म आरती में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर फिलहाल प्रशसन ने रोक लगा रखी है.इस वजह से आज वर्ष में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती में भी आम श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिला
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में नौ दिनी महाशिवरात्रि पर्व पर वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली महाकाल बाबा की भस्मारती हुई.इसी के साथ महाकाल मंदिर में चल रहे महाशिवरात्रि पर्व का समापन हो गया.उससे पहले आज सुबह महाकाल बाबा को प्राकृतिक फूलों का सवा क्विंटल का सेहरा बांधा गया और दूल्हा बनाया गया. श्रद्धालुओं ने दूल्हा बने बाबा के दर्शन 9 बजे तक किए. इसके बाद पण्डे पुजारियों ने बाबा का सेहरा उतारा और फिर शुरू हुआ वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली महाकाल बाबा की भस्मारती का सिलसिला.
इस बार नहीं लूट पाये सेहरा
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल की नगरी में 9 दिन से बाबा के विवाह उत्सव को लेकर धूम थी.कल महाशिवरात्रि पर विवाह के बाद बाबा महाकाल को देर रात विशेष कर सुबह 4 बजे फलों और स्वर्ण से लदा सेहरा बांधा जो अपने आप में अद्भुत है. सेहरा दर्शन के महत्व को जानें तो हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं का तांता सिर्फ सेहरा दर्शन और सेहरा लूटने पर ही लगता है जो इस बार कोविड के कारण नहीं मिल पाया. पंचामृत अभिषेक पूजन
मंदिर के पंडे-पूजारियों ने महाकालेश्वर का दूध, दही, शहद, पंचामृत और फलों के रस सहित विभिन्न द्रव्य प्रदार्थो से महाकाल को स्नान कराया. पुजारियों ने बाबा का भांग से आकर्षक श्रृंगार किया.बाबा को एक विशेष पगड़ी पहनाई गई और विधि-विधान से महाकालेश्वर की भस्मारती शुरू हुई.आज महंत विनीत गुरु ने महाकाल को भस्म चढ़ाई जिसके बाद बाबा को भोग लगाकर आरती की गयी. वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली इस भस्मारती का श्रद्धालुओं को सालभर इंतज़ार रहता है.
श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिला
कोरोना महामारी के कारण महाकाल मंदिर में होने वाली भस्म आरती में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर फिलहाल प्रशसन ने रोक लगा रखी है.इस वजह से आज वर्ष में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती में भी आम श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिला. मंदिर समिति ने सुबह 9 बजे से ही मंदिर को खाली कराना शुरू कर दिया था. सुबह सेहरा दर्शन के बाद दोपहर 1:30 बजे से भस्म आरती शुरू हुई.उसके बाद दोपहर 3 बजे से मंदिर के गेट फिर से आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गए.