बंट गईं छप्परफाड़ सौगातें, अब किसी भी वक्त हो सकता है नगरीय निकाय चुनावों का ऐलान

बंट गईं छप्परफाड़ सौगातें, अब किसी भी वक्त हो सकता है नगरीय निकाय चुनावों का ऐलान


शिवराज सरकार किसी भी वक्त नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा कर सकती है. (File)

URBAN BODY ELECTION: चुनाव पूर्व शिवराज सरकार की ओर से शहरों की जनता को हजारों करोड़ की विकास की सौगातें दी जा चुकी है. अब बस यह तय मान लीजिए कि एक हफ्ते के भीतर किसी भी दिन, किसी भी वक्त राज्य निर्वाचन आयोग नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है.

भोपाल. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव (URBAN BODY ELECTION) की तारीखों का भले ही ऐलान न किया हो, लेकिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरोदय मिशन (MISSION NAGRODAYA) की शुरूआत करते हुए शहरी इलाकों की तस्वीर बदलने के लिए हजारों करोड़ की योजनाओं का ऐलान और सैकड़ों करोड़ के कामों का एक साथ शिलान्यास करके चुनाव का बिगुल फूंक दिया और इशारा कर दिया कि ‘हम तैयार हैं’. चुनाव पूर्व सरकार की ओर से शहरों की जनता को विकास की सौगातें दी जा चुकी है. अब बस यह तय मान लीजिए कि एक हफ्ते के भीतर किसी भी दिन, किसी भी वक्त राज्य निर्वाचन आयोग (STATE ELECTION COMMISSION) नगरीय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है.इसके साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लग जाएगी. चुनाव से पहले शिवराज के सौगातों के सिक्सर से बौखलाई कांग्रेस ने आयोग से तत्काल इन घोषणाओं पर रोक लगाने की मांग की है.

मध्यप्रदेश में प्रदेश के 407 शहरों के लिए 33 सौ करोड़ रुपए लागत वाले निर्माण कार्यों का एकसाथ भूमिपूजन, शिलान्यास, लोकार्पण करके नगरीय निकाय चुनाव में अपनी तैयारियों का इशारा कर दिया. मिशन नगरोदय में सरकार ने अगले 5 साल में शहरों के विकास का रोडमैप तैयार किया है और यह बताया है कि किस तरह 44000 करोड़ रुपए शहरों की तस्वीर बदलने पर खर्च किए जाएंगे. सिंगल क्लिक के जरिए प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के खाते में 1602 करोड़ भेजे. शहरी निकायों की सड़कों के मरम्मत के लिए 100 करोड़ की राशि जारी की. मुख्यमंत्री ने आज साल भर तक चलने वाले आजादी के अमृत महोत्सव का भी शुभारंभ किया. याने इस बार निकाय चुनाव में विकास की बात के साथ राष्ट्रभक्ति का तड़का भी लगेगा.

विपक्ष में खदबदाहट, भाजपा खुश

विपक्ष मुख्मयंत्री की घोषणाओं को ‘प्री इलेक्शन गिफ्ट’ के तौर पर देख रहा है, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा इसे चुनाव में फतह की राह आसान हो जाने के रूप में देख रही है. भाजपा को इन घोषणाओं का प्रचार कर उसे वोट में तब्दील करना होगा. कांग्रेस नेता, पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने एक ट्वीट में कहा कि “मिशन नगरोदय के नाम पर शिवराज सरकार एकबार फिर झूठे नारियल फोड़ और झूठे आंकड़े परोस कर जनता को गुमराह करने की तैयारी में है. कितना आश्चर्यजनक है कि शिवराज सिंह की राज्य में 15 साल से सरकार है और वो अभी शहरों के विकास का रोडमैप ही बना रहे हैं.” वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “मिशन नगरोदय प्रदेश के विकास के प्रति मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार की ललक को दिखाता है। नगरीय निकायों के लिए एक साथ किया गया हजारों करोड़ के कार्यों का भूमिपूजन प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विकास की नई बहार लाएगा. साथ ही हितग्राहियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में भी मील का पत्थर साबित होगा.”निर्वाचन आयोग तैयार

मप्र में 407 में से 307 कार्यकाल 25 सिंतबंर 2020 में पूरा हो चुका है. वहीं 8 नगरीय निकायों का कार्यकाल जनवरी-फरवरी में पूरा हो गया. नवगठित 29 नगर परिषदों में भी चुनाव होने है. जबकि 16 नगर निगमों में भी चुनाव संपन्न कराए जाएंगे. 3 मार्च को निर्वाचन आयोग शहरी निकायों की फाइनल मतदाता सूचियां जारी कर चुका है. बता दे कि कोरोना के चलते राज्य में नगरीय निकाय चुनाव टलते रहे हैं. पहले कमलनाथ सरकार ने निकायों चुनाव की तारीख बढ़ाई, फिर शिवराज सरकार को भी कोरोना की वजह से चुनाव टालने पड़े, अब जब राज्य सरकार की हरी झंडी मिल चुकी है, तो चुनाव कराने में कोई अड़चन नहीं है. मंगलवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में नेताओं ने बारिश और छात्रों की परीक्षाओं का हवाला देते हुए मप्र में नगरीय निकाय चुनाव से पहले पंचायत चुनाव कराने की बात कही थी. उनकी इस मांग के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा था कि पंचायत निर्वाचन के संबंध में अभी बहुत सी कार्यवाहियां शासन स्तर पर लंबित हैं. अगर यह कार्यवाही अगले 15-20 दिन में पूरी हो जाती है, तो पंचायत चुनाव पर विचार किया जाएगा, अगर ऐसा नहीं हुआ तो पहले नगरीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे। लेकिन अब जो संकेत मिल रहे हैं, उससे साफ लग रहा है कि राज्य में नगरीय निकाय चुनाव ही पहले होंगे. अगर कोई बड़ी अड़चन नहीं आई, तो हो सकता है कि एक हफ्ते या कहें एक-दो दिन के भीतर ही निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाएगा. बहुत संभव है ये चुनाव दो या अधिकतम तीन चरणों में कराए जाएं.








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