भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ (India vs England) पहले टी20 मैच में 20 रन के भीतर तीन विकेट गंवा दिए थे. इसके बाद ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर ने टीम को संभालने की कोशिश की. लेकिन टेस्ट क्रिकेट और टी20 में यही बुनियादी अंतर है. छोटे फॉर्मेट में रन गति बढ़ती है तो विकेट भी गिरते हैं. टीम सिर्फ 124 रन ही बना सकी. इंग्लैंड के गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया. जाेफ्रा आर्चर को भले ही सबसे ज्यादा तीन विकेट मिले हों लेकिन मार्क वुड की अधिकतर गेंद 150 की रफ्तार से सटीक लाइन लेंथ पर गिरीं. मैच का परिणाम चाहे जो भी रहा हो, लेकिन इंग्लैंड की टीम तेज गेंदबाजों पर अधिक निर्भर दिखी.
कोहली शून्य पर आउट हुए. करिअर में पहली बार वे लगातार दो पारी में शून्य पर आउट हुए. कोहली पिछली 5 पारियों में तीन बार शून्य पर आउट हुए. गेंदबाजी में भी हम कुछ नहीं कर सके. लंबे समय के बाद वापसी कर रहे भवुनश्वेर कुमार की चमकी फीकी रही. टीम के ट्रंप कार्ड लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 11 की औसत से रन दिए. कप्तान पहले ही कह चुके हैं कि रोहित दूसरे मैच में भी नहीं खेलेंगे. भुवनेश्वर पूरी तरह फिट हैं. क्या किसी नए गेंदबाजों को आजमाया नहीं जाना चाहिए था. इस साल वर्ल्ड कप से पहले हर जगह के लिए पहले और दूसरे विकल्प को देखना होगा.
जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और रवींद्र जडेजा के नहीं होने से फर्क पड़ा है. मोटेरा की पिच ने निराशा किया. पांचों टी20 मैच यहीं होने हैं. दाे टेस्ट भी यहीं हुए. यहां 11 पिच है, लेकिन कुछ भी खास नहीं दिखा. यहां आईपीएल के मैच भी होंगे और आगे के टूर्नामेंट के भी मैच खेले जाएंगे. यहां की पिच पर काम करने की जरूरत.