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सिहोरा2 मिनट पहले
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- मार्च के अंत तक 40 फीसदी राशि है वसूलनी, पिछले साल का बकाया भी नहीं वसूल पाए जिम्मेदार अधिकारी
राजस्व वसूली में नगर पालिका प्रशासन फिसड्डी साबित हो रहा है। मार्च महीने तक चालू वित्तीय वर्ष की केवल 60 फीसदी ही राशि की वसूली हो पाई है। चंद दिनों में 40 फीसदी राशि वसूली जानी है। यही नहीं पिछले साल की बकाया राशि में से भी कुल 40 फीसदी राशि की ही वसूली की गई है। चालू वित्त वर्ष का आखिरी महीना चल रहा है, ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि आखिर माह के अंत तक कितना राजस्व नगर पालिका एकत्रित कर पाती है। जानकारी के अनुसार मार्च क्लोङ्क्षजग को लेकर इन दिनों नगर पालिका में आपाधापी का माहौल बना हुआ है। चालू वर्ष का प्रस्तावित कर 2 करोड़ रुपए में से लगभग 60 प्रतिशत की ही वसूली हो पाई है। इसी प्रकार पिछला बकाया एक करोड़ 60 लाख में ऐसे कुल 40 प्रतिशत राशि की ही वसूली की गई है। कोरोना काल से बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों के कारण कर्मचारियों को टैक्स वसूलने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
सख्ती नहीं होने के कारण बनी स्थिति
नगर पालिका सिहोरा का गठन वर्ष 1867 में हुआ था। लगभग 155 साल पुरानी नगर पालिका की वर्तमान आबादी 70 हजार से अधिक है। नपा के द्वारा शहर में विभिन्न प्रकार के विकास कार्य कराए जाते हैं। वहीं प्रतिमाह वेतन एवं खर्चों के लिए नपा लोगों से प्राप्त विभिन्न प्रकार के करों पर आश्रित रहती है। इसके बाद भी सख्ती नहीं दिखाई जा रही है। इसके चलते करोंड़ों रुपए का संपत्तिकर, जलकर, दुकानों का किराया बकाया है। नियमति कर जमा नहीं करने के कारण यह स्थिति बनी है।
कर वसूलने टीमें गठित
बीते दिनों लोक अदालत में भी कई प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से कुछ प्रकरणों का निराकरण हो सका था। इसके बाद की करोड़ों की राशि बकाया है। नपा कर्मियों ने बताया है कि करों की वसूली कम होने को लेकर दो टीमों का गठन किया गया है। टीमों द्वारा प्रतिदिन बकायादारों के घर-घर जाकर कर वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं। नगर के सभी 18 वार्ड के बकायादारों के यहां टीम के लोग जलकर, संपत्ति कर एवं दुकान किराया लेने पहुंच रहे हैं।
विकास कार्य होंगे प्रभावित
पूर्व में नपा द्वारा चुंगी वसूली की जाती थी, जिसे प्रदेश भर में बंद कर दिया गया है। इसके एवज में चुंगी क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है। नपा द्वारा कराए जाने वाले अधिकांश विकास कार्य जनता से प्राप्त करों पर आश्रित होती है। इसके बाद भी करोड़ों का कर बकाया है। सूत्रों का कहना है कि यही कारण है कि नगरीय क्षेत्र में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
- राजस्व वसूली का टारगेट कर्मचारियों को दिया गया है। लक्ष्य प्राप्ति ना होने पर वार्ड प्रभारी एवं राजस्व निरीक्षकों को नोटिस जारी करते हुए राजस्व शाखा का फरवरी माह का वेतन भी रोक दिया गया है। – जय श्री चौहान, सीएमओ सिहोरा नपा