Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
खंडवा43 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
- सरकार ने दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं में संशोधन कर नोटिफिकेशन जारी किया, पहले इन धाराओं में अधिकतम सजा 6 महीने थी
मिलावटखोरों को अब तक पर्याप्त सजा नहीं मिलती थी। ये ही हाल नकली दवाओं के मामलों का भी था। मिलावट के खिलाफ जारी अभियान के दौरान प्रदेश सरकार ने मिलावटियों और नकली दवा बेचने वाले अपराधियों को सख्त सजा दिलाने के लिए आईपीसी की धारा 272 व 273 और नकली दवा में आईपीसी की धारा 274, 275 और 276 में बदलाव किया है।
मिलावटखोरों को गैर जमानती धाराओं में तुरंत गिरफ्तार किया जा सकेगा। कानूनी धाराओं में हुए संशोधन के तहत अब पूरे राज्य में मिलावटखोरों को उम्रकैद जेल होगी। प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में मंजूरी के बाद दंड कानून (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी देने के बाद 9 मार्च को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
भारतीय दंड संहिता 1860 से अब तक मिलावटियों को थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया जाता था। धारा धारा 272, 273, 274, 275 व 276 में अधिकतम सजा छह माह की थी। अब जो भी अपराध दर्ज होगा वह नये कानून के तहत अजमानतीय होगा। जिसकी सुनवाई सत्र न्यायालय में सुनवाई होगी। मिलावटखोरों को सबक सिखाने के लिए प्रदेश सरकार अब तक कानूनी धाराओं के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई करने का फैसला लिया था।
किस मिलावट में किस सजा का प्रावधान
खाद्य पदार्थ : खाद्य या पेय पदार्थ की प्रयोगशाला में जांच के बाद अमानक पाए जाने पर उम्रकैद जेल के साथ ही जुर्माना भी देना होगा।
अवधि समाप्ति पर : खाद्य पदार्थ की अवधि समाप्ति के बाद बेचे जाने पर पांच साल की जेल व एक लाख रुपए तक जुर्माना या दोनों हो सकता है।
ऐसे समझिए… बनाए नये कानून को
अभियोजन अधिकारी रुपेश तमोली का कहना है कि नये कानून के तहत मिलावटखोरों की शिकायत मिलने पर पुलिस, खाद्य औषधि विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग व चिकित्सा विभाग के अधिकारी पहुंचकर नये कानून के तहत व्यवसायी के विरुद्ध आईपीसी की धारा -272 व 273 और नकली दवा में आईपीसी की धारा 274, 275 और 276 के तहत प्रकरण दर्ज किया जाएगा। मिलावटखोरों को गैर जमानती धाराओं में तत्काल गिरफ्तार किया जा सकेगा।