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- 6 Months Ago, The Woman With Whom PM Had Talked, Her Muck Is Closed, It Is Difficult To Get A Loan In The Scheme.
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ग्वालियरएक घंटा पहले
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अर्चना शर्मा
- कुछ बैंकों ने एक भी आवेदक को नहीं दिया पैसा, उन्हें पैसा डूबने का डर
टिकिया का ठेला लगाने वाली जिस अर्चना शर्मा से छह महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने वर्चुअल माध्यम से बात की थी, उसका ठेला बंद है। हजीरा के कटारे गली में रहने वाली अर्चना ने प्रधानमंत्री स्व निधि याेजना के तहत 10 हजार रुपए का लाेन लेकर टिकिया का ठेका लगाना शुरू किया था, लेकिन पति की बीमारी के कारण अब ठेला बंद है।
अर्चना ने बताया कि पति की सेहत में सुधार हाेने के बाद फिर से ठेला लगाएंगी, क्याेंकि उन्हें दाेनाें बच्चाें एवं पति की देखभाल करनी है। उधर, अब कोरोना संक्रमण के चलते बेरोजगार हुए पथ विक्रेताओं को लाेन देने से बैंक कतरा रहे हैं।
इसी कारण वे कभी आधार मैच नहीं होने की बात कहते हैं तो कभी पता न मिलने और सत्यापन में दिक्कत की। आठ महीने पहले चालू हुई प्रधानमंत्री स्व निधि योजना के लाेन देने के लिए तय की गईं जिले की 23 बैंकों में से कुछ प्राइवेट बैंक तो ऐसी हैं जिन्होंने एक भी आवेदक को लोन के लिए पात्र नहीं समझा है।
इस योजना के तहत शहरी क्षेत्र में 23 हजार 724 लोगों को पात्र मानकर रजिस्ट्रेशन किया गया था। इनमें से 16 हजार 174 के प्रकरण बैंकों को भेजे गए पर मंजूरी सिर्फ 12 हजार 856 को मिली। इनमें से भी लोन का वितरण 11 हजार 560 को ही हो सका है। इस तरह शहरी क्षेत्र में योजना की उपलब्धि सिर्फ 49 फीसदी है।
परेशान होकर 1276 ने आवेदन ही वापस लिए
बैंकों के चक्कर लगा-लगाकर कई आवेदक थक चुके हैं। इसी कारण 1276 ने काम धंधा न होने के बाद भी लोन के लिए दिए अपने आवेदन वापस ले लिए हैं। बैंकों ने भी अपने स्तर पर ऐसे 808 आवेदन निरस्त कर दिए हैं जिनके सत्यापन में कमियां मिलीं।
बैंक द्वारा परेशान करने की शिकायतें मिली हैं
- हितग्राहियों को बैंक प्रबंधन परेशान करता है, ऐसी शिकायतें मिली हैं। हमारी टीम बैंकों से समन्वय कर लोन दिलाने का प्रयास कर रही है। जो लोग परेशान हैं उनके लिए कैंप भी लगाते हैं। बैंक में भी निगम स्टाफ को बैठाया गया है। अब तक 49 फीसदी आवेदकों को लोन वितरित हो चुका है। – मुकुल गुप्ता, प्रभारी, प्रधानमंत्री स्व निधि योजना