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भोपाल8 मिनट पहले
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जयप्रकाश अस्पताल के फीवर क्लीनिक के बाहर कोरोना टेस्ट की जांच कराने के लिए लगी लोगों की लंबी लाइन।
मध्यप्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसमें सरकार की भूमिका भी अहम है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक महीने में कोरोना की टेस्टिंग में 40 प्रतिशत तक की कमी आ गई है। इसके बावजूद सरकार ने ना तो टेस्टिंग बढ़ाने कोई कदम उठाए और ना ही कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग के लिए। अब जब पॉजिटिविटी दर 1 से बढ़कर 5 पहुंची तो सरकार की नींद टूटी है। सरकार अब टेस्टिंग के साथ ही कॉन्ट्रैक्ट टेस्टिंग बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है।
कोरोना संक्रमण बढ़ाने का बढ़ा कारण सरकार का उदासीन और लापरवाह रवैया है। 24 जनवरी तक प्रदेश में प्रतिदिन 26 हजार लोगों की कोरोना टेस्टिंग की जा रही थी, लेकिन अचानक इसमें 10 हजार की कमी आ गई। जबकि 15 फरवरी के बाद से ही प्रदेश में कोरोना के आकड़े में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई। इसके बावजूद सरकार संक्रमण रोकने को लेकर कोई गंभीर कदम नहीं उठाए। सरकार ने कोरोना जांच कराने की जिम्मेदारी लोगों पर छोड़ दी। जहां कोरोना संक्रमित मिले भी तो वहां भी संक्रमण रोकने के लिए कोई कॉन्ट्रेक्ट ट्रैसिंग नहीं कराई गई। कई माइल्ड संक्रमित लोग डर की वजह से जांच कराने ही नहीं पहुंचे। जबकि बेरोक टोक घूमते शहर में और दूसरी जगह घूमते फिरते रहे। खास बात तो यह है कि जिन लोगों ने कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने पर एहतियातन जांच कराई उनको रिपोर्ट लेने के लिए भटकना पड़ा। इस उधर भी संदिग्ध पॉजिटिव लोगों की भीड़ में शामिल हुए। अब कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही पॉजिटिविटी दर 1 प्रतिशत से बढ़कर 5 पहुंची तब सरकार की नींद टूटी। अब टेस्टिंग बढ़ाने के साथ ही कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग के लिए कदम उठा रही है।
वैक्सीनेशन के बाद बढ़ी लापरवाही
प्रदेश में 16 जनवरी को वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हुआ। इसके शुरू होने के बाद जनता के साथ सरकार ने भी लापरवाही दिखाई। संक्रमण रोकने के प्रावधानों का सख्ती से पालन कराने की जगह सरकार ने सार्वजनिक और राजनीतिक कार्यक्रम सभी की छूट दे दी। लेकिन कोविड प्रावधानों का पालन कराने को लेकर कोई मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं बनाया।
सरकार ने भी चिंता छोड़ी
प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य संक्रमित को क्वारंटीन कर संक्रमण को फैलने से रोकना था। सितंबर-अक्टॅबर 2020 में संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर सरकार ने कॉन्ट्रेक्ट ट्रैसिंग बंद कर दी। इसके बाद संक्रमण धीरे धीरे फील्ड में कोरोना जांच करने की सुविधा भी बंद कर दी। जबकि संक्रमण कम होने के बाद सरकार को टेस्टिंग के साथ कॉन्ट्रेक्ट ट्रैसिंग पर जोर देना चाहिए।
तारीख टेस्ट केस पॉजिटिविटी दर
15 फरवरी 13374 203 1.5 20 फरवरी 14334 257 1.7 25 फरवरी 15839 363 2.3 28 फरवरी 16220 363 2.2
1 मार्च 12844 336 2.6 5 मार्च 16921 457 2.7 10 मार्च 16637 616 3.1 15 मार्च 14605 797 5.4