रिश्वत लेते जोनल ऑफिसर, टाइम कीपर पकड़े: मकान तोड़ने के नोटिस थमाकर मांगे थे 3 लाख, 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते EOW ने पकड़ा नगर निगम का जोनल ऑफिसर और टाइम कीपर

रिश्वत लेते जोनल ऑफिसर, टाइम कीपर पकड़े: मकान तोड़ने के नोटिस थमाकर मांगे थे 3 लाख, 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते EOW ने पकड़ा नगर निगम का जोनल ऑफिसर और टाइम कीपर


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ग्वालियर34 मिनट पहले

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नगर निगम के जोन क्रमांक-14 में रिश्वत लेते पकड़े गए जोनल ऑफिसर मनीष कन्नौजिया गले में मास्क डाले हुए दूसरा टाइम कीपर इंदर सिंह

  • जोन क्रमांक-14 के ऑफिस में बैठकर ली रिश्वत
  • दो महीने से कर रहा था परेशान, कोटे की सराय में हैं मकान
  • 50 हजार रुपए की पहली किश्त लेते समय पकड़ा गया

EOW (इकोनॉमिक ऑफेंस विंग) ने शुक्रवार दोपहर नगर निगम के जोन क्रमांक-14 के जोनल ऑफिसर मनीष कन्नोजिया और टाइम कीपर इंदर सिंह को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। मकान तोड़ने के नोटिस थमाकर जोनल ऑफिसर ने 3 लाख रुपए की मांग की थी। 2 लाख रुपए में बात पक्की हो चुकी थी। शुक्रवार दोपहर फरियादी 50 हजार रुपए की दूसरी किश्त लेकर पहुंचा था। जैसे ही जेडओ ने रुपए लेकर टाइम कीपर को गिनने के लिए दिए EOW के अफसरों ने उनकी कलाई थाम ली। रिश्वत की रकम निगरानी में लेकर आरोपियों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार का प्रकरण बनाया गया है। अभी पूछताछ की जा रही है।

जोनल ऑफिसर की टेबल पर रखे रिश्वत के 50 हजार रुपए, इन्हें ई ओडब्ल्यू ने जब्त कर भ्रष्टाचार का प्रकरण बनाया है

जोनल ऑफिसर की टेबल पर रखे रिश्वत के 50 हजार रुपए, इन्हें ई ओडब्ल्यू ने जब्त कर भ्रष्टाचार का प्रकरण बनाया है

सिकंदर कंपू निवासी अनूप कुशवाह के दोस्त की एक बीघा जमीन झांसी रोड कोटे के सराय में हैं। यहां वर्ष 2018 में अनूप ने कॉलोनी काटी थी। करीब 8 मकान वहां बन चुके हैं और 10 प्लॉट पर मकान बनने का काम शुरू हो चुका है। जो मकान बन गए हैं वह नगर निगम में सभी तरह के टैक्स भी भर रहे हैं। यह जगह नगर निगम के जोन क्रमांक-14 में आती है। जोन-14 का ऑफिस सिटी सेंटर शारदा विहार में है। जोनल ऑफिसर मनीष कन्नौजिया हैं। लॉकडाउन के बाद से जोनल ऑफिसर मनीष लगातार कॉलोनी के लोगों को परेशान कर रहे हैं। वह कॉलोनी में जाकर मकान और जमीन को अवैध बताकर तोड़ने की धमकी देते हैं।

जब प्रॉपर्टी कारोबारी अनूप कुशवाह ने जोनल ऑफिसर से बात की तो उन्होंने धमकाया और मकान तोड़ने की कार्रवाई रोकने के बदले 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। अनूप ने किसी तरह उनको समझाया तो वह 2 लाख रुपए में पूरा मामला निपटाने के लिए तैयार हुआ। चार किश्तों में यह रकम देना तय हुआ। 50 हजार रुपए अनूप पहले दे चुके थे। पर दूसरी किश्त में देरी होने पर जोनल ऑफिसर बीते 3 दिन से वहां मकान बनाकर रहने वालों को काफी परेशान कर रहा था। यहां तक नोटिस भी दे आया था।

इस पर अनूप ने उसे सबक सिखाने के लिए EOW एसपी अमित सिंह से मिलकर मामले की शिकायत की। उन्होंने पूरे मामले को तैयार किया। पूरी प्लानिंग के साथ शुक्रवार को अनूप सिंह को पचास हजार रुपए लेकर शारदा विहार स्थित नगर निगम कार्यालय में पहुंचाया गया। जहां पर रिश्वत लेते ही EOW की टीम ने दबिश दी और जेडओ मनीश कन्नोजिया व टाइम कीपर इंदर सिंह को दबोच लिया। जेड ओ मनीष ने रिश्वत के रुपए हाथ में लेकर इंदर के हाथ में दे दिए थे। जब इंदर रुपए गिन रहा था तो EOW की टीम ने दोनों से रुपए बरामद कर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।

कहना था अफसरों को भी देना पड़ता है

फरियादी अनूप कुशवाह ने बताया कि जब आरोपी जोनल ऑफिसर उससे रुपए मांगता था तो कहता था कि उसको ऊपर भी अफसरों को देना पड़ता है, इसलिए लेना पड़ता है। ऊपर से नीचे तक पूरा चैनल बना हुआ है। अब EOW के अफसर उससे इसी चैनल के बारे में पूछ रहे हैं। इससे पहले अनूप का कहना है कि वह सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को भी 1 लाख रुपए दे चुका था। जिस दिन रुपए दिए उसके अगले ही दिन सिटी प्लानर ट्रैप हो गया था।

सिटी प्लानर भी पकड़ा गया था रिस्वत लेते

इसी तरह करीब तीन माह पूर्व EOW की टीम ने नगर निगम के सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को चलती कार में 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया था। उसके बाद नगर निगम से कई महत्वपूर्ण कॉलोनियों की गुम फाइल का मामला भी खुला था। विश्वविद्यालय थाना में FIR भी दर्ज की गई थी। उसके घर पर भी लाखों का माल मिला था।

लोकायुक्त के बदले EOW ही क्यों?

पिछले कुछ समय में देखने में आया है कि नगर निगम के अफसरों को पकड़वाने के लिए फरियादियों ने EOW का सहारा लिया है, जबकि इस तरह के ट्रैप करने के मामले में लोकायुक्त पुलिस ही आगे है। पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा पिछले कुछ सालों से नगर निगम कार्यालय से जुड़ी कई शिकायतों को दबाकर बैठे होने से उन पर लोगों का विश्वास कम हो रहा है।

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