सॉफ्ट सिग्नल को लेकर फूटा कोहली का गुस्सा, बोले- अंपायर के पास ‘मुझे नहीं पता’ का विकल्प भी होना चाहिए

सॉफ्ट सिग्नल को लेकर फूटा कोहली का गुस्सा, बोले- अंपायर के पास ‘मुझे नहीं पता’ का विकल्प भी होना चाहिए


भारतीय कप्तान विराट कोहली( Virat Kohli) ने चौथे टी20 के बाद सॉफ्ट सिग्नल को लेकर कहा कि नियमों को सरल बनाना चाहिए ताकी अहम मुकाबलों में किसी भी टीम को इसकी वजह से खामियाजा न उठाना पड़े. (PIC:AP)

भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने गुरुवार को इंग्लैंड के खिलाफ हुए चौथे टी20 में सॉफ्ट सिग्नल (Soft Signal Controversy) के तहत दो भारतीय बल्लेबाजों सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) और वॉशिंगटन सुंदर (Washinghton Sundar) को आउट दिए जाने के फैसले पर नाखुशी जताई है.

अहमदाबाद. भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने गुरुवार को इंग्लैंड के खिलाफ हुए चौथे टी20 में सॉफ्ट सिग्नल(Soft Signal Controversy) के तहत दो भारतीय बल्लेबाजों सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) और वॉशिंगटन सुंदर (Washinghton Sundar) को आउट दिए जाने के फैसले पर नाखुशी जताई है. उन्होंने मैच के बाद कहा कि नियमों को सरल बनाना चाहिए ताकी अहम मुकाबलों में किसी भी टीम को इसकी वजह से खामियाजा न उठाना पड़े.

कोहली ने कहा कि टेस्ट सीरीज में भी ऐसा ही हुआ था. जब मैं अजिंक्य रहाणे के पास में खड़ा था और उन्होंने कैच पकड़ा था, लेकिन इसे लेकर वो आश्वस्त नहीं थे. इसके बाद फैसला थर्ड अंपायर के पास गया. अगर फील्डर को कैच को लेकर शक होता है तो फिर स्क्वेयर लेग पर खड़ा अंपायर इसे कैसे साफ तरीके से देख सकता है? इसलिए सॉफ्ट सिग्नल काफी अहम हो गया है और इसके तहत फैसले लेने से जुड़ी कई जटिलताएं सामने आ रही हैं. मुझे समझ नहीं आता कि अंपायर के पास ‘मुझे नहीं पता’ का विकल्प क्यों नहीं हो सकता है. इस तरह का फैसला मैच का नतीजा पलट सकता है.

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इस पूरे विवाद की शुरुआत भारतीय पारी के 14वें ओवर में हुई. सूर्यकुमार यादव 57 रन खेल रहे थे. उन्होंने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज सैम कर्रन की गेंद पर पैडल स्वीप खेला. गेंद डीप फाइन लेग पर खड़े डेविड मलान की तरफ गई. मलान ने सामने डाइव करते हुए कैच पकड़ा. हालांकि, कैच को लेकर शंका थी. इसलिए फील्ड अंपायर ने थर्ड अंपायर की मदद मांगी. लेकिन उन्होंने इससे पहले आउट का सॉफ्ट सिग्नल दिया. टीवी रीप्ले में ये नहीं दिख रहा था कि मलान ने सफाई से कैच लिया है. हालांकि, इस तरह का भी स्पष्ट वीडियो नहीं था कि उन्होंने कैच छोड़ दिया है. आमतौर पर जब वीडियो से स्पष्ट न हो तो बल्लेबाज को नॉट आउट दिया जाता है. लेकिन अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल की वजह से सूर्यकुमार को पैवेलियन लौटना पड़ा.सॉफ्ट सिग्नल के कारण सूर्यकुमार और सुंदर को पवेलियन लौटना पड़ा
वॉशिंगटन सुंदर भी सूर्यकुमार यादव की तरह अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल के शिकार हुए. उन्होंने जोफ्रा आर्चर की गेंद पर थर्डमैन की ओर शॉट खेला. वहां खड़े आदिल राशिद ने गेंद को लपक लिया. वे बाउंड्री लाइन के बेहद करीब थे. इस कारण अंपायर ने अपना फैसला देने से पहले थर्ड अंपायर से मदद मांगी. उन्होंने इससे पहले आउट का सॉफ्ट सिग्नल दिया. जैसा कि सूर्यकुमार के साथ हुआ, वैसा ही सुंदर के साथ भी हुआ. टीवी रीप्ले से लग रहा था कि जब आदिल ने कैच पकड़ा था, तब उनका पैर बाउंड्री लाइन से छू रहा था. लेकिन रीप्ले में यह बहुत साफ नहीं था. इस वजह से अंपायर का सॉफ्ट सिग्नल ही अंतिम निर्णय साबित हुआ और उन्हें भी डग आउट में लौटना पड़ा.

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यहां ये बताना जरूरी है कि अगर फील्ड अंपायर सूर्यकुमार और सुंदर को सॉफ्ट सिग्नल में नॉट आउट देता, तो थर्ड अंपायर भी उन्हें नॉट आउट ही देता. इसी कारण से सॉफ्ट सिग्नल को लेकर बवाल मचा हुआ है. पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर ने भी ट्वीट कर आईसीसी के इस नियम पर सवाल उठाए.

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर ने भी ट्वीट कर सॉफ्ट सिग्नल पर सवाल खड़े किए. (wasim jaffer/twitter)

अंपायर क्यों देते हैं सॉफ्ट सिग्नल
कई क्रिकेटप्रेमियों के मन में यह सवाल आ सकता है कि अंपायर सॉफ्ट सिग्नल क्यों देते हैं. इसका जवाब आईसीसी के नियमों में छिपा है. नियम कहता है कि अगर अंपायर किसी फैसले को लेकर निश्चिंत नहीं है तो वह तीसरे अंपायर से मदद ले सकता है. लेकिन ऐसा करने से पहले उसे एक सॉफ्ट सिग्‍नल देता है. यह सिग्‍नल आउट या नॉट आउट का होता है. मैदानी अंपायर का यही सॉफ्ट सिग्नल तब आखिरी फैसला हो जाता है, जब तीसरा अंपायर किसी ठोस नतीजे पर ना पहुंच पाए.








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