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- CBI Raids NCL’s Amalori Project Due To Fears Of Coal Scam, Company Management Responsibilities Remain Silent
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सिंगरौली15 मिनट पहले
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- सुबह से चल रही CBI और CMPDI की संयुक्त की टीम की जांच
NCL के अमलोरी प्रोजेक्ट में CBI की टीम की छापेमारी से हड़कंप मच गया। सूत्र बताते हैं कि CBI की टीम ने यहां छापामार कार्रवाई करने सुबह करीब 9 बजे ही डेरा डाल दिया था। इस कार्रवाई में CBI के साथ CMPDI के एक्सपर्ट्स सदस्यों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि CBI और CMPDI के एक्सपर्ट्स सदस्यों की संयुक्त टीम ने सुबह के समय प्रोजेक्ट में कई अलग-अलग जगहों पर एक साथ छापामार कार्रवाई कर रही है। इसमें पुराने GM ऑफिस के पास स्थित स्टोर, सीएचपी के पास सेल्स डिपार्टमेंट के दफ्तर, कोल स्टॉक सेक्शन के दफ्तर और कोयला के नापतौल करने वाले कांटा (वे-ब्रिज) में टीमें एक साथ पहुंचीं।
एक साथ प्रोजेक्ट के अलग-अलग दफ्तरों में कार्रवाई इतने गुपचुप तरीके से की गई कि इसकी भनक दफ्तर के बाहर के लोगों को काफी देर बाद लगी, लेकिन दफ्तर में पहुंचते ही टीमों ने सभी प्रकार की गतिविधियों को अपने हाथ में ले लिया। टीम के सदस्य दस्तावेजों की छानबीन में जुटे रहे और जरूरत पडऩे पर पूछताछ भी करते रहे। यह कार्रवाई किस कारण से की गई है? इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि अभी तक न तो NCL प्रबंधन ने की है और न ही CBI टीम की ओर से कोई जानकारी दी गई है।
कोयला घोटाले की आशंका
CBI की इस छापामार कार्रवाई का कारण सूत्र कोयला घोटाले की ओर इशारा कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रोजेक्ट में कोयले की हेराफेरी का खेल कोई आज से नहीं बल्कि लंबे समय से चल रहा था। इस हेराफेरी में कोयले का बड़ा स्टॉक अवैध तरीके से प्रोजेक्ट के बाहर भेजने या फिर अन्य किसी तरीके से भी कोयले के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। कई लोग समय पहले ही प्रोजेक्ट से ट्रांसफर कराकर जा चुके हैं। लेकिन मामला CBI के पास पहुंचने पर अब कलई खुलने लगी है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि कुछ जिम्मेदारों की लापरवाही से कोलयार्ड से कोयले का काफी बड़ा स्टॉक जल गया है, जिससे कोयले के प्रोडक्शन और डिस्पैच में बड़ा अंतर दिख रहा है।
दो ग्रुप में क्यों आयी हैं टीमें?
इस छापामार कार्रवाई को अंजाम देने के लिए दो प्रकार की टीमें CBI और CMPDI के एक्सपर्ट्स की आयी हैं। इसका कारण बताया जा रहा है कि शिकायत तो CBI के पास हुई है और कार्यवाही का नेतृत्व भी वहीं कर रही है। लेकिन मामला कोल स्टॉक से जुड़ा है। इसलिए कोयले की मात्रा जांचने-परखने के लिए एक्सपर्ट्स के तौर पर CMPDI के एक्सपर्ट्स सदस्यों की टीम को भी इस जांच में शामिल किया गया है।
छापेमारी से पहले की रैकी
सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि भले CBI और CMPDI की संयुक्त टीम ने छापेमारी की है, लेकिन यहां कोयले से जुड़ी हेराफेरी की गतिविधि पर CBI द्वारा काफी पहले से नजर नजर रखी जा रही थी। यानी, यह कहें तो गलत नहीं होगा कि इस कार्यवाही को अंजाम देने के पहले बाकायदा रैकी भी की गई थी। पुख्ता तथ्य सामने आने के बाद छापेमारी की कार्रवाई की गई है।
NCL के लक्ष्य को पूरा करने की होड़
एक बात यह भी सामने आ रही है कि 31 मार्च तक 113 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य NCL का है। ऐसे में कंपनी के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये सभी प्रोजेक्ट्स के बीच होड़ सी मच गई है। इस होड़ में प्रोडक्शन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए जाने की आशंका है। CBI की कार्रवाई से इस आशंका को और बल मिल रहा है। वहीं, दूसरी ओर इस कार्रवाई से अमलोरी खदान में दोपहर के समय से कोयला प्रोडक्शन से जुड़ी गतिविधियों को भी बंद कराने की बात सामने आ रही है। इसे लेकर कर्मियों में नाराजगी व्याप्त होने की बात कही जा रही है।