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भोपाल3 मिनट पहले
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हाॅकर्स अखबार बांट सकेंगे, दफ्तर जाने वाले पहचान-पत्र साथ रखें।
- सांची पार्लर बंद रहेंगे, घरों में दूध सप्लाई सुबह छह से 10 बजे तक होगी
- पेट्रोल, किराना, फल-सब्जी नहीं मिलेगी, परीक्षार्थी आ-जा सकेंगे
कोरोना संक्रमण बेकाबू हो चला है। इसे रोकने के लिए रविवार से भोपाल, इंदौर और जबलपुर में एक-एक दिन का लॉकडाउन शुरू हो रहा है। कलेक्टर अविनाश लवानिया के मुताबिक सांची पार्लर बंद रहेंगे, जबकि घर-घर दूध बांटने के लिए सुबह छह से 10 बजे तक की छूट दी गई है। फल-सब्जी, शराब की दुकानें, पेट्रोल पंप बंद रहेंगे। दवा की दुकानें खुली रहेंगी। ऑटो-कैब भी चलेंगी।
ट्रेन-प्लेन से आने वाले यात्री बेरोकटोक आ-जा सकेंगे। लेकिन, जो लोग बिना पहचान-पत्र, टिकट लिए बाहर घूमेंगे, उनके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। रविवार को पीएससी की परीक्षा पांच सेंटरों पर है। सिटी बसें चलेंगी, ताकि परीक्षार्थी परेशान न हों। परीक्षार्थियों को सुबह 9 बजे सेंटर पहुंचना होगा।
मास्क, फेसशील्ड, सैनेटाइजर उन्हें साथ लाना होगा। वहीं डीआईजी इरशाद वली ने कहा कि लॉकडाउन में मीडियाकर्मी संस्थान का पहचान पत्र साथ रखें। उन्हें कवरेज की छूट रहेगी। हॉकर्स प्रोटोकॉल का पालन कर सुबह समाचार-पत्र बांट सकेंगे।
हालात-ए-हमीदिया
संक्रमितों के लिए वार्ड बनाना था, इसलिए…

दीनदयाल की हालत गंभीर थी। उन्हें वेंटिलेटर नहीं मिला तो डॉक्टरों ने पत्नी को अंबूबैग पकड़ा दिया, ताकि मरीज इससे सांस ले सके।
हमीदिया में कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या 200 से बढ़ाकर 400 की जा रही है। इसलिए मेडिसिन डिपार्टमेंट के जो वार्ड हैं, उन्हें खाली कराया जा रहा है। शनिवार को मेडिसिन वार्ड के आईसीयू में भर्ती 67 वर्षीय दीनदयाल को मेडिकल वार्ड-1 में शिफ्ट किया गया। इस वार्ड में 28 बेड हैं, जबकि 40 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं।
अव्यवस्थाओं के चलते 5 मरीज शनिवार को छुट्टी लेकर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए चले गए। बेड नहीं होने के कारण 8 मरीजों को स्ट्रेचर पर रखा गया है। वहीं, वेंटिलेटर चल रहा है, डायलिसिस हो रहा है। दीनदयाल को शिफ्ट करने के लिए कोई भी वार्ड ब्यॉय नहीं था। उनकी पत्नी शोभा ने खुद पति को जूनियर डॉक्टर की मदद से शिफ्ट किया।
मप्र का हाल… अभी रोज 20 हजार जांचें, उप्र में 1.21 लाख
हर दिन 400 एक्टिव केस बढ़ रहे, फिर भी हम टेस्टिंग में देश में 13वें नंबर पर
प्रदेश में अब हर दिन एक हजार से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं। इनके मुकाबले ठीक होने वालों की संख्या कम है इसलिए हर दिन 400 एक्टिव केस बढ़ रहे हैं। फिर भी जांचों की रफ्तार उप्र, बिहार से भी कम है। मप्र में हर दिन करीब 21 हजार जांचें हो रही हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में ये आंकड़ा एक लाख 21 हजार है। जांचों के मामले में मप्र देश में 13वें नंबर पर है। यदि टेस्टिंग बढ़ाई गई तो संक्रमित और तेजी से बढ़ेंगे। पिछले साल नवंबर में 32 हजार जांचें प्रतिदिन हो रही थीं, तब भी करीब एक हजार केस प्रतिदिन मिल रहे थे।
7 दिन में शहरों का हाल
शहर जांच एक्टिव
भोपाल 2400 930
इंदौर 3990 488
जबलपुर 1400 263
ग्वालियर 1100 107
उज्जैन 1400 105
कर्नाटक में हर दिन 95000, बिहार में 86000, दिल्ली में 71000, गुजरात में 35000 जांचें हो रही है, जबकि यहां केस मप्र से कम मिल रहे हैं।