विश्व जल दिवस पर अच्छी पहल: आलमपुर में लोगों ने किया स्वर्ण भद्रिका नदी का पूजन, नदी बचाने का संकल्प लिया

विश्व जल दिवस पर अच्छी पहल: आलमपुर में लोगों ने किया स्वर्ण भद्रिका नदी का पूजन, नदी बचाने का संकल्प लिया


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भिंड8 मिनट पहले

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विश्व जल दिवस पर स्वर्ण भद्रिका नदी का पूजन करते युवा।

  • नदी के बचाव को लेकर शुरू हुआ अभियान

विश्व जल दिवस पर सोमवार को आलमपुर के रहवासियों द्वारा अनूठी पहल की गई। नदी के संरक्षण को लेकर यहां के युवा आगे आए। उन्होंने विश्व जल दिवस पर स्वर्ण भद्रिका नदी का पूजन किया। नदी बचाने को लेकर संकल्प लिया। इस मौके पर नदी को गंदे नाले से मुक्ति दिलाने व स्वच्छ बनाने को लेकर अभियान शुरू किया गया।

जिले के आलमपुर कस्बे के बीचों-बीच से बहने वाली स्वर्ण भद्रिका नदी की धारा टूटती जा रही है। यह नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। नगर पंचायत की ओर से नालों का पानी नदी की धारा में छोड़ दिया गया है। इस वजह से स्वच्छ व अविरल नदी की जलधारा प्रदूषित हो गई। नदी के अस्तित्व को लेकर क्षेत्रीय लोग आगे आए। सोमवार को उन्होंने मंत्रोच्चारण के साथ नदी का पूजन किया। पुष्प माला चढ़ाई। काव्यपाठ किया गया। इसके बाद नदी को बचाने के लिए शपथ ग्रहण भी की गई। लोगों को नदी बचाव अभियान से जुड़ने के लिए संदेश दिया गया।

कभी इसका पानी पीते थे, अब बह रही गंदगी

कस्बे में लंबे समय तक पेयजल स्रोत स्वर्ण भद्रिका नदी रही। लोग इस नदी में स्नान, आचमन, पूजा-अर्चना करते थे। बीते सालों से नगर पंचायत ने इससे नालों काे जोड़ दिया गया। इस वजह से स्वच्छ पानी की जगह गंदा पानी बहने लगा। अब क्षेत्रीय लोग पानी से दूरियां बनाने को मजबूर हो गए हैं। क्षेत्रीय लोग ने विश्व जल दिवस पर नदी को पुन: पुराने स्वरूप में लाने का संकल्प लिया। इस मौके पर आनंद तिवारी, रामसेवक अहिरवार, मयंक त्रिपाठी अजीज पठान, रोबिन अग्रवाल रामकुमार शास्त्री, कल्याण कानूनगो, सुमित त्रिपाठी, भानु प्रताप चंदेल, विष्णु कौरव, राघवेंद्र झा,श्याम महाजन, अभिषेक पुरोहित, राजू राठौर, प्रवीण झा, आदि उपस्थित रहे।

बेसली का किया जा रहा गहरीकरण

इधर, गोहद में पेयजल संकट को लेकर बीते दिनों सत्याग्रह आंदोलन कांग्रेसियों द्वारा किया गया। अब क्षेत्रीय लोग आगे आए हैं। उन्होंने बेसली डेम के गहरीकरण पर श्रमदान शुरू कर दिया। हर राेज बड़ी तादाद में लोग तालाब में पहुंचते हैं। यहां लोग तन, मन और धन का उपयोग करते हुए डेम के बचाव को लेकर श्रम कर रहे हैं। अब तक तीन सौ से अधिक डंपर सिल्ट (मिट्‌टी ) डेम से उठाई जा चुकी है।

लहार के भाटन ताल में आया नहर का पानी

लहार कस्बे का एकमात्र भाटल तालाब काे लेकर क्षेत्रीय लोगों द्वारा पिछले तीन महीने से आंदोलन किया जा रहा था। इस तालाब के गहरीकरण का कार्य भी किया जा चुका है। अब जल संसाधन विभाग द्वारा तालाब में नहर का पानी छोड़कर जलभराव कराया जा रहा है।

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