ग्वालियर हादसा: 12 में से 5 महिलाएं घर में अकेली कमाने वाली थीं; कोई बच्चों को चॉकलेट नहीं खिला सकी तो किसी की बेटी की 2 महीने बाद उठने वाली थी डोली

ग्वालियर हादसा: 12 में से 5 महिलाएं घर में अकेली कमाने वाली थीं; कोई बच्चों को चॉकलेट नहीं खिला सकी तो किसी की बेटी की 2 महीने बाद उठने वाली थी डोली


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ग्वालियर2 मिनट पहलेलेखक: रामेंद्र परिहार

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अपनों को खोने का पता चलते ही महिलाएं भी पहुंची पोस्टमाॅर्टम हाउस। बिट्‌टी की मां नारायण बिलखती हुई।

  • मरने वाली महिलाओं में एक ही परिवार की चार महिलाएं शामिल

औरों के बच्चों के लिए खीर-हलवा बनाने वाली 12 महिलाएं अपने बच्चों को हमेशा के लिए बिलखता छोड़ गईं। 12 में से घरों में तो ये महिलाएं ही इकलौती कमाने वाली थीं। ऑटो ड्राइवर भी घर का इकलौता कमाने वाला था। कोई अपने बच्चों को चॉकलेट लाकर देने का वादा करके घर से खाना बनाने निकली थी तो कोई अपनी बेटी की शादी करने के लिए यह काम करती थी।

मंगलवार सुबह पुरानी छावनी आनंदपुर ट्रस्ट के सामने हुए बस-ऑटो भिड़ंत में इन महिलाओं को छीन लिया। ये महिलाएं गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों से थीं और परिवार को चलाने के लिए रोजाना देर रात से सुबह तक आंगनबाड़ी के लिए खाना पकाती थीं। सभी महिलाएं गोला का मंदिर के शिव कॉलोनी, जड़ेरूआ कला, पिंटो पार्क इलाके में रहती थीं जहां मातम है।

गोला का मंदिर की शिव कॉलोनी में एक ही परिवार की चार महिलाओं की मौत के बाद कुछ ऐसा नजारा था। मजबूत कंधे भी इन शवों को उठाने से कतरा रहे थे।

गोला का मंदिर की शिव कॉलोनी में एक ही परिवार की चार महिलाओं की मौत के बाद कुछ ऐसा नजारा था। मजबूत कंधे भी इन शवों को उठाने से कतरा रहे थे।

राजिंद्री पाल : कमाने वाली इकलौती थी , पति छह साल पहले चल बसे

  • हादसे में जान गंवाने वाली राजिन्द्री पाल (42) घर में अकेली कमाने वाली थी। पति प्रकाश पाल की वर्ष 2014 में मौत हो चुकी है। दो बेटों करन (16) और सतीश (14) की जिम्मेदारी उस पर ही थी। पति की मौत होने के बाद वही घर संभाल रही थी। अब राजिन्द्री की मौत के बाद बच्चों पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा है।

ऊषा जाटव : बेटी की डोली विदा करने की हरसत लिए छोड़ गई दुनिया

  • ऊषा जाटव (38) पत्नी कोमल जाटव बेटी को विदा करना चाहती थी। पति पेंटर है। घर की स्थिति बहुत खराब है, इसलिए दो साल से वह आंगनबाड़ी मे खाना बनाने जाती थी। तीन बच्चे हैं, जिनमें बड़ी बेटी 18 वर्षीय वर्षा, बेटे 12 वर्षीय संजय, 10 वर्षीय राज है। बड़ी बेटी की अगले मई महीने में शादी थी, पर बेटी को अपने हाथों से विदा करना उसके नसीब में नहीं था।
हादसे में इनकी मौत हुई है।

हादसे में इनकी मौत हुई है।

लक्ष्मी वर्मा : तीन बच्चों की मां ने महीनेभर पहले ही रसोइयन का काम शुरू किया था

  • लक्ष्मी वर्मा (33) पत्नी केशव वर्मा के घर की हालत बेहद खराब है। मुश्किल से गुजारा होता है। पति मजदूरी करता है। हाथ बंटाने के लिए एक महीने पहले ही लक्ष्मी ने सहेली ऊषा की मदद से आंगनबाड़ी में काम शुरू किया था। उसकी मौत के बाद तीन बच्चे मोहित (10) , पूजा (8) व वरुण (6) के सिर से मां का साया उठ गया है।

कमला राठौर : बच्चे थे नहीं, पति शांत हाे चुके.. सारे दर्द अपने साथ ले गई

  • कमला (55) पत्नी रामदास राठौर की जिंदगी तो दर्द भरी ही रही है। कोई संतान नहीं है। कुछ साल पहले पति की भी मौत हो चुकी है। आजीविका चलाने के लिए वह खुद काम करती थी। इस हादसे में उसके साथ उसके दर्द भी चले गए।

गीता राठौर : बच्चों को कहा था- चाॅकलेट लेकर आऊंगी, तीन रिश्तेदार भी हादसे में मृत

32 वर्षीय गीता पत्नी बंटी राठौर की भी हादसे में मौत हुई है। पति बंटी कुछ काम नहीं करता है इससे घर की हालत बेहद खराब है। इसी कारण गीता आंगनबाड़ी में खाना बनाने जाती थी। उसके तीन बच्चे 14 साल का राज, 8 साल का प्रिंस, और शिवानी। सोमवार शाम को बच्चों से कहकर गई थी कि लौटकर चॉकलेट खिलाएगी, लेकिन वह लौटी नहीं। इसी हादसे में गीता की बुआ 55 वर्षीय कमला, मौसी 45 वर्षीय आशा राठौर पत्नी स्व. अबध किशोर, चाची 45 वर्षीय ऊषा राठौर पत्नी गिर्राज राठौर की भी मौत हुई है।

  • गीता (32) पत्नी बंटी राठौर की भी हादसे में मौत हुई है। पति बंटी कुछ काम नहीं करता। घर की हालत खराब है, इसलिए गीता आंगनबाड़ी में खाना बनाने जाती थी। तीन बच्चे 14 साल का राज, 8 साल का प्रिंस, और शिवानी। सोमवार शाम बच्चों से कहकर गई थी, लौटकर चॉकलेट खिलाएगी, लेकिन वह लौटी नहीं। हादसे में गीता की बुआ 55 वर्षीय कमला, मौसी 45 वर्षीय आशा राठौर पत्नी स्व. अबध किशोर, चाची 45 वर्षीय ऊषा राठौर पत्नी गिर्राज राठौर की भी मौत हुई है।

ननद-भाभी के उजड़ गए घर

  • हादसे में मुन्नी बाई (55) पत्नी परसुराम पाल और उसकी भाभी बिट्‌टी बाई (37) पत्नी मचल सिंह पाल की मौत हुई है। मुन्नी के दो बेटे, दो बेटी हैं। मुन्नी के पति परसुराम की मौत के बाद परिवार को वही पाल रही थी। उसकी मौत के बाद परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है। बिट्‌टी भी अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए मेहनत कर रही थी। उसके तीन बेटे मनीष, अनिल और सुनील हैं। बड़े बेटे की उम्र 16 और छोटे की 10 साल है।

अनीता घर में कमाने वाला कोई नहीं

  • ऑटो और बस की भिड़ंत में जान गंवाने वाली अनीता पाल (36) के पति महेश पाल इस दुनिया में नहीं है। अनीता पर अपने दो बच्चों व सास-ससुर की जिम्मेदारी थी। वह दिन-रात मेहनत कर गरीबी से परिवार को बाहर निकाल रही थी, लेकिन उसकी मौत ने परिवार को फिर संकट में डाल दिया।

हरबो बाई: बुजुर्ग कंधों पर था घर का भार

हरबो बाई (65) के पति बाबूलाल बाथम का निधन 8 साल पहले हो चुका है। वह 4 साल आंगनबाड़ी में काम कर रही थीं। उनके साथ ही 65 वर्षीय मायादेवी पत्नी स्व. रामौतार प्रजापति भी निवासी के बुजुर्ग कंधों पर पूरे घर का भार था। उनके जाने के बाद उनके बच्चों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है।

ऑटो चलाकर करता था गुजारा

  • हादसे में ऑटो चालक धर्मेन्द्र पुत्र हरदयाल परिहार की भी मौत हुई है। यह जडेरूआ पर रहता था। ऑटो से ही उसका उसकी पत्नी, दो बच्चे, मां-पिता व बहन-भाई का गुजारा चलता था। हादसे में उसकी मौत ने पूरे घर को दौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है।

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