फिर बंदिशें शुरू: महाराष्ट्र आने-जाने वाली सभी बसें रोकीं, रात 10 बजे बंद होने लगा मार्केट, जनसुनवाई भी स्थगित, आयोजनों पर भी लगाई पाबंदियां

फिर बंदिशें शुरू: महाराष्ट्र आने-जाने वाली सभी बसें रोकीं, रात 10 बजे बंद होने लगा मार्केट, जनसुनवाई भी स्थगित, आयोजनों पर भी लगाई पाबंदियां


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  • All Buses Coming To And From Maharashtra Were Stopped, The Market Started Closing At 10 Pm, Public Hearing Was Also Suspended, Restrictions Were Also Imposed On The Events.

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उज्जैन6 घंटे पहले

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181 लोगों से 36200 रुपए जुर्माना वसूला : इधर सोमवार को भी बगैर मास्क पहने शहर में निकलने वालों पर कार्रवाई जारी रही।

  • 181 लोगों से 36 हजार 200 रुपए जुर्माना वसूला। 27 लोगों को अस्थायी जेल में भी बंद रखा गया।

महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना संक्रमण का असर मप्र में ना हो इसकी रोकथाम के प्रयास में शासन ने मप्र से महाराष्ट्र जाने वाली करीब 11 हजार बसों पर रोक लगा दी है। साथ ही आदेश में स्पष्ट किया कि 31 मार्च तक महाराष्ट्र राज्य की सभी यात्री बसों का मप्र की सीमा में प्रवेश भी स्थगित रहेगा। महाराष्ट्र में कोरोना फिर से तेजी से फैल रहा है। मुंबई में तो रोज औसतन ढाई हजार नए केस मिल रहे हैं। संक्रमण के इस फैलाव का मप्र में असर ना हो इसके लिए परिवहन विभाग ने बसों के संचालन को लेकर आदेश जारी किया है।

इसमें लिखा है कि मप्र से चलकर महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश करने वाली अंतरराज्यीय व अभा पर्यटन की स्लीपर कोच की सभी यात्री बसों का संचालन स्थगित किया जाता है। प्रदेश में ऐसी बसों की संख्या करीब 11 हजार है। इनमें औसतन पांच लाख से अधिक यात्री रोज सफर करते हैं। आदेश में ये स्पष्ट है कि महाराष्ट्र राज्य की भी सभी यात्री बसों का मप्र की सीमा में 31 मार्च तक प्रवेश स्थगित रहेगा। गौरतलब है कि उज्जैन जिले से भी महाराष्ट्र के लिए करीब 35 बसें चलती हैं। इनमें तीन अंतरराज्यीय है।
बसों पर ही पाबंदी क्यों?
इधर शासन के निर्देश से बस संचालकों में रोष है। उनका सवाल है कि क्या कोरोना केवल बस में सफर से ही फैल रहा है? क्योंकि रेल व निजी वाहनों से तो मप्र व महाराष्ट्र के बीच यात्रियों का आवागमन जारी है। शासन दोहरे मापदंड क्यों अपना रहा है। मप्र यात्री संघ ने शासन के इस निर्देश को जन विरोधी करार देते हुए मुख्यमंत्री व परिवहन विभाग के आला अफसरों को पत्र लिखा है। इसमें यात्री बसों का संचालन नहीं रोकने की मांग की है।

पत्र में तर्क व सुझाव
तर्क – इस फैसले से यात्रियों में अफरा-तफरी मच जाएगी। पूर्व के कड़वे अनुभव हमारे सामने हैं।
तर्क – होली सहित अन्य त्योहार आ रहे हैं। मजदूर वर्ग घर लौटेगा तो उसे परेशानी होगी।
सुझाव- राज्य में प्रवेश करने वाली बसों के यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कर सभी की ऑक्सीजन चेक की जाए।
सुझाव – निर्णय पर पुन: विचार करे। आम आदमी का पक्ष भी ध्यान में रखें।
पुनर्विचार किया जाए
^शासन ने केवल बसों को प्रतिबंधित किया है, जबकि रेल व निजी परिवहन के साधनों से यात्री मप्र से महाराष्ट्र आ जा रहे हैं। सवाल यह है कि क्या केवल बसों से ही कोरोना फैलता है। शासन के इस निर्णय से पुन: मजदूरों को पैदल चलना पड़ सकता है।
शिव कुमार शर्मा, संभागीय प्रभारी, मप्र बस
ऑनर्स एसोसिएशन शासन के निर्देश हैं

^इस संबंध में शासन के निर्देश है। राज्यों की बार्डर पर इसका सख्ती से पालन किया जाना है। ताकि यहां की बसें वहां नहीं जा सके और वहां की बसें मप्र की सीमा में प्रवेश नहीं कर सके।
संतोष मालवीय, आरटीओ

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