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भिंड7 मिनट पहले
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- आलमपुर-रतनपुरा मार्ग को जोड़ेगा सोनभद्रिका नदी का पुल, लोगों को होगी सहूलियत
आलमपुर-रतनपुरा मार्ग को जोड़ने के लिए सोनभद्रिका नदी पर बना पुराना पुल वर्तमान में जर्जर हालत में है। जिसके चलते नदी पर नवीन पुल बनाने के लिए जनवरी 2020 में भूमि पूजन हुआ था। जिसके बाद से विभागीय अफसरों और ठेकेदार के बीच रहे रह मतभेद और कोरोना काल की वजह से पुल बनाने का कार्य शुरू नहीं हो सका। लेकिन अब ठेकेदार राजेंद्र सिंह भदौरिया ने पुल का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। मंगलवार को इंजीनियरों ने नदी पर पहुंचकर निर्माण कार्य का जायजा लिया। गौरतलब है कि सोनद्रिका नदी पर नवीन पुल बनाने की मंजूरी वर्ष 2019 में शासन द्वारा 7 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी। वहीं जनवरी 2020 में तत्कालीन मंत्री डॉ.गोविंद सिंह ने भूमि पूजन किया था। जिसके बाद ठेकेदार ने एक दिन काम करते हुए निर्माण कार्य रोक दिया, जो लॉकडाउन के समय भी बंद रहा था। पुराना पुल हुआ जर्जरः होल्कर स्टेट के राजाओं द्वारा बनाए गए करीब वर्ष 1956 में सोनभद्रिका नदी पर पुल का निर्माण कराया गया था। इस पुल की चौड़ाई 10 फीट है, जो 60 फीट लंबाई में फैला हुआ है, जो पांच पिलर पर खड़ा है। जिसमें से पुल के तीन पिलर में दरारें आने के साथ ही इससे सीमेंट टपकता रहता है।
पुल की सही देखरेख और जांच के अभाव में वाहन चालकों को पुल से होकर गुजरने में भय महसूस होता है। वहीं नदी पर बनने जा रहे नया पुल की चौडा़ई 18 फीट और लंबाई 90 फीट रहेगी। नदी में तीन नए पिलर बनाए जाएंगे। साथ ही पुल के दोनों तरफ मजबूत रेलिंग का निर्माण कराया जाएगा।
बारिश में डूब जाता है पुल
- नगरवासी बताते हैं कि बरसात होने पर जब नदी में पानी का अधिक बहाव आता है तो पुराना पुल पूरी तरह से डूब जाता है। उस वक्त इस मार्ग से वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बाधित होता है। बता दें कि पुल से होकर लहार, दबोह, ग्वालियर, दतिया, जयपुर, दिल्ली सहित आदि स्थानों के लिए सवारी वाहनों की आवाजाही रहती है।
- वहीं इस संबंध में राजेंद्र सिंह भदौरिया, ठेकेदार का कहना है कि निर्माण कार्य शुरू किए हुए अभी कुछ दिन ही हुए हैं। लेकिन सब-कुछ ठीक रहा तो आगामी 6 महीने के भीतर पुल का काम पूरा कर लिया जाएगा।