1 साल में इसी स्पॉट पर गई हैं 23 जान: 13 जिंदगियां कुचलने के बाद हवालात में बोला बस चालक, मेरी गलती ही नहीं, वो तो ऑटो चालक ही मोड़ नहीं पाया

1 साल में इसी स्पॉट पर गई हैं 23 जान: 13 जिंदगियां कुचलने के बाद हवालात में बोला बस चालक, मेरी गलती ही नहीं, वो तो ऑटो चालक ही मोड़ नहीं पाया


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ग्वालियर11 मिनट पहले

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तेज रफ्तार बस ने ऑटो में इतनी तेज टक्कर मारी थी कि वह इस तरह चकनाचूर हो गई, इसमें 13 लोगों की मौत हुई थी, उनमें 12 महिलाएं थीं।

  • बस चालक को कोर्ट में पेश किया, वहां से न्यायिक हिरासत ( जेल) भेज दिया गया
  • उसी स्पॉट से लोगों से ठसाठस भरी ऑटो निकल रही थी, पुलिस ने पकड़ी

पुरानी छावनी के मुरैना रोड पर 13 लोगों के साथ उनके परिवारों के सपने और भविष्य को पहियों से कुचलने वाला बस चालक का कहना है कि उसकी तो कोई गलती ही नहीं थी। बाइक को बचाने जब सामने आया तो ऑटो दिखी। उसे बचाने दूसरी तरफ बस की स्टेयरिंग काट दी, लेकिन महिलाओं से ठसाठस भरी ऑटो का चालक गाड़ी को नहीं मोड़ सका। इसके बाद हादसा हो गया। बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया है। जहां से जेल भेज दिया गया है। कोर्ट ने उसे जमानत नहीं दी है।इसी रोड पर बुधवार दोपहर सवारियों से भरी फिर एक ऑटो पकड़ी है। उसमें 8 लोग सवार थे। इसी रोड पर एक साल में 23 लोग जान गंवा चुके हैं।

मंगलवार सुबह ग्वालियर से तेज रफ्तार बस नंबर MP07P-6882 के चालक तेजी व लापरवाही से चलाते हुए पुरानी छावनी की ओर से आ रहे ऑटो में को रौंद दिया था। घटना के समय बस की स्पीड लगभग 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से थी। जिस कारण टक्कर के बाद बस, ऑटो को करीब 20 मीटर तक घसीटते हुए ले गई थी। इस दर्दनाक हादसे में 12 महिलाओं सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी। 12 मृत महिलाएं गोला का मंदिर के शिवकॉलोनी, पिंटो पार्क व जड़ेरूआ इलाके की थीं। जो गरीबी से उबरने के लिए आंगनबाड़ी में खाना बनाने जाती थीं। 13वीं मौत ऑटो चालक धर्मेन्द्र की हुई थी। इस दर्दनाक हादसे की जड़ बस चालक सुखदेव सिंह निवासी शब्द प्रताप आश्रम को पुलिस ने मंगलवार को ही पकड़ लिया है। पूछताछ करने पर उसने खुद का बचाव करते हुए कहा है कि उसकी गलती ही नहीं थी। वो तो बाइक सवार को बचाने के चक्कर में ऑटो के सामने आ गया। जब ऑटो को देखा तो उसे बचाने के लिए दूसरी तरफ गाड़ी की स्टेयरिंग मोड़ दी, लेकिन ऑटो में महिलाएं ठसाठस भरी थीं। चालक के दोनों तरफ दो-दो महिलाएं होने के कारण वह ऑटो का हैंडल तक नहीं मोड़ पाया। जिस कारण बस और ऑटो में भिडंत हो गई।

दोनों ओर से टूटे नियम

पुलिस की अभी तक की जांच में दोनों ओर से नियम टूटने की बात सामने आई है। बस में कितनी सवारी थीं यह तो पुलिस को नहीं पता है। पर जिस जगह बस की स्पीड 40 किलोमीटर प्रतिघंटे होनी थी वहां चालक सुखदेव सिंह 80 किलोमीटर प्रतिघंटे से दौड़ा रहा था। दूसरी तरह से आ रहे ऑटो में चालक सहित 4 सवारी होनी चाहिए थी। उसमें 13 यात्री सवार थे। दोनों तरफ से नियमों की अनदेखी हादसे का कारण बनी। साथ ही सड़क पर जिम्मेदार भी गैर हाजिर थे तो इन नियम तोड़ते वाहनों को समझा सकें।

एक साल में 23 गंवा चुके हैं इसी रोड पर जान

पुरानी छावनी की मुरैना रोड ट्रैफिक पुलिस के ब्लैक स्पॉट में भी शामिल है। यहां बीते एक साल में 23 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 15 मौत तो सिर्फ 7 दिन में ही हो चुकी हैं। यहां हादसों का कारण वाहनों की स्पीड है। दूसरा कारण पुलिस और परिहवन अमला की लापरवाही है। जिन्हें सड़क पर दौड़ते ओवरलोड वाहन नहीं दिखते हैं, लेकिन रेत से भरे वाहन के पीछे वह दौड़ लगा देते हैं।

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