IND VS ENG: फॉर्म में वापस लौटे शिखर धवन, पुणे में खेली 98 रनों की जबर्दस्त पारी

IND VS ENG:  फॉर्म में वापस लौटे शिखर धवन, पुणे में खेली 98 रनों की जबर्दस्त पारी


IND VS ENG: शिखर धवन ने जड़ा शतक (फोटो-एएफपी)

खराब फॉर्म के कारण दबाव में चल रहे शिखर धवन के 98 रन और वनडे डेब्यू करने वाले कृणाल पंड्या के आक्रामक अर्धशतक की मदद से भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में पांच विकेट पर 317 रन बनाये.

नई दिल्ली. खराब फॉर्म के कारण दबाव में चल रहे शिखर धवन के 98 रन और अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले क्रुणाल पंड्या के आक्रामक अर्धशतक की मदद से भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में पांच विकेट पर 317 रन बनाए. धवन और विराट कोहली ने दूसरे विकेट के लिए 105 रन की साझेदारी की. इसके बाद क्रुणाल और केएल राहुल ने नाबाद साझेदारी करके 57 गेंद में 112 रन जोड़े. कोहली ने 60 गेंद में 56 जबकि राहुल ने 43 गेंद में नाबाद 62 रन बनाए.  क्रुणाल 31 गेंद में 58 रन बनाकर नाबाद रहे.

धवन ने 106 गेंद की अपनी पारी में 11 चौके और दो छक्के जड़े. पहले बल्लेबाजी के लिए भेजे जाने पर रोहित शर्मा (42 गेंद में 28 रन) और धवन ने पहले विकेट के लिये 64 रन जोड़े. धवन ने सातवें और राोहित ने नौवे ओवर में लगातार दो चौके लगाये. टी20 टीम में अपनी जगह गंवा चुके धवन के कैरियर को मानों इस पारी से संजीवनी मिल गई. धवन ने दूसरे विकेट के लिए विराट कोहली के साथ 105 रनों की साझेदारी की.

जीत के बाद भारतीय कप्तान कोहली ने धवन की बहादुरी से खेलने के लिए प्रशंसा की, जिसने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया. विराट ने कहा, ‘जब शिखर नहीं खेल रहा था, तब भी उसकी बॉडी लैंग्वेज अद्भुत थी. वह हमारे लिए मददगार था. आज वह परिणाम का हकदार था. उन्होंने आज सबसे कठिन दौर में बल्लेबाजी की और 98 रन बनाए जो बेहद मूल्यवान था.’

धवन ने मैन ऑफ द मैच बनने के बाद कहा कि उनके लिए ये 98 रन भी कीमती हैं क्योंकि वो बस मौका मिलने का इंतजार कर रहे थे.  धवन ने कहा, ‘मुझे अपने प्रदर्शन से ज्यादा टीम की जीत की खुशी है. मैंने अपनी फिटनेस पर काम किया और जिम में कड़ी मेहनत की. गेंद शुरुआती ओवरों में काफी सीम और स्विंग हो रही थी. इसलिए विकेट पर धैर्य से खेलने की योजना बनाई.’धवन ने आगे कहा, ‘मुझे शतक की कोई जल्दबाजी नहीं थी लेकिन अच्छा शॉट सीधे हाथों में चला गया. कोई बात नहीं मैचों में ऐसा होता रहता है. जब मैं प्लेइंग इलेवन में नहीं था तो मुझे बस मौके का इंतजार था. मैं 12वें खिलाड़ी के तौर पर खिलाड़ियों को पानी पिला रहा था तो उसमें भी मेरा बेस्ट करने की कोशिश रही. बस मैं टीम के लिए अच्छा करना चाहता हूं. मेरे दिमाग में ये बात साफ थी कि जैसे ही मुझे मौका मिलेगा मैं उसे लपक लूंगा.’








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