- Hindi News
- Local
- Mp
- Bhopal
- People Arriving To Get Corona Examination Due To Deteriorating Health, Result Is That 40% To 80% Of Patients Get Symmetric
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
भाेपाल5 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
इसी लापरवाही के कारण जनवरी और फरवरी के मुकाबले संक्रमित मार्च में दोगुना बढ़े।
अरेरा कॉलोनी ई-3 निवासी नितेश खरे एमपी नगर की प्राइवेट फर्म में काम करते हैं। इनके साथ काम करने वाला एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव आया तो उन्होंने पूरे परिवार की जांच कराई। बेटी और बेटा दोनों पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि इनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे।
इसी तरह पंजाबीबाग निवासी राजेश सिंह के 72 वर्षीय पिता की तबीयत बिगड़ी जांच में कोरोना पॉजिटिव आए। अगले दिन परिवार के दूसरे सदस्यों को सर्दी और खांसी जैसे लक्षण हुए। जांच कराने पर 6 और सदस्य पॉजिटिव मिले। ऐसे कई मामले हैं, जिनमें परिवार के परिवार संक्रमित हो रहे हैं। पहले की तुलना में अब 40 से बढ़कर 80% हो गए सिम्टोमेटिक मरीज सामने आ रहे हैं।
कोरोना का डर नहीं
कोराेना संक्रमण की रफ्तार दोगुनी, लेकिन कारण सिर्फ टेस्टिंग नहीं, लापरवाही भी
हमीदिया के पल्मोनरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. लोकेंद्र दवे के मुताबिक जनवरी और फरवरी के मुकाबले मार्च में न सिर्फ कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, बल्कि जो नए संक्रमित सामने आ रहे हैं उनमें सिम्टोमेटिक मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है।
अभी नए कोरोना मरीजों में सिम्टोमेटिक मरीज क्यों बढ़ रहे हैं?
लोगों में कोरोना का डर खत्म हो गया है, यही वजह है कि पहले के मुकाबले लोग कोरोना की जांच नहीं करा रहे हैं। तबीयत बिगड़ने पर जांच कराने पहुंच रहे हैं। इसी कारण अभी 80 प्रतिशत मरीज सिम्प्टोमेटिक मिल रहे हैं। जो पहले 40 प्रतिशत से भी कम थे।
मरीजों की संख्या में इजाफा होने की वजह टेस्टिंग बढ़ना है?
टेस्टिंग बढ़ने से मरीजों की संख्या में इजाफा होता है, लेकिन जितने मरीज मिल रहे हैं इसकी वजह सिर्फ टेस्टिंग नहीं है। लोगों की लापरवाही से संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है। होम आइसोलेशन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके ही कोरोना पर काबू संभव है।
…लेकिन यहां
हर 100 संक्रमितों में बच्चों की संख्या 9-10, लेकिन अच्छी बात- इनमें सिम्टोमेटिक कम
जीएमसी के पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. निशांत श्रीवास्तव के मुताबिक पहले 100 मरीज में दो-तीन ही संक्रमित होते थे। लेकिन, अब 9-10 बच्चे संक्रमित मिल रहे हंै। हालांकि, इनमें ज्यादातर ए सिम्टोमेटिक (बिना लक्षण) हैं।
अभी कम उम्र के बच्चे ज्यादा संक्रमित निकल रहे हैं क्यों?
पहले 100 में से दो-तीन मरीज ही कम उम्र के होते थे, लेकिन अभी इनकी संख्या बढ़कर आठ और नौ तक पहुंच गई है। इसकी वजह घर के बड़े सदस्यों की ओर से सावधानी में कमी करना है।
कोरोना संक्रमण से बच्चों को ज्यादा खतरा है?
बच्चों के संक्रमित होने के बाद वायरस कैसे रिएक्ट करेगा इस बारे में अभी किसी को भी बहुत ज्यादा पता नहीं है।
बच्चों में कुछ अलग तरह के लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं?
हाल के दिनों में कुछ बच्चे डायरिया की शिकायत के साथ आए और उनमें कोरोना संक्रमण मिला। ऐसे में डायरिया को सामान्य न मानें इसे गंभीरता से लें।