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- The Structure Of Mahakal Temple Will Be Open Till Nandigriha, It Will Be Implemented By Making A Master Plan.
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उज्जैन3 घंटे पहले
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रुद्रसागर के किनारे चल रहे कामों का अवलोकन करते हुए।
- अयोध्या के राम मंदिर के आर्किटेक्ट सोमपुरा महाकाल मंदिर के विकास में सहयोगी बने
महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर को अब नंदीगृह के तल तक खोला जाएगा। इसके आसपास के सभी निर्माण हटाए जाएंगे ताकि मंदिर दूर से ही श्रद्धालुओं को नजर आए। इसे मास्टर प्लान बना कर लागू करेंगे। अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा के सुझाव पर मंदिर समिति अध्यक्ष कलेक्टर आशीषसिंह ने अधिकारियों को मौजूदा निर्माण कार्यों सहित प्रस्तावित योजनाओं में इसे शामिल करने को कहा है। महाकाल मंदिर परिसर और क्षेत्र के लिए बनाए जा रहे मास्टर प्लान व मंदिर के विकास में अब सोमपुरा सहयोग करेंगे।
बुधवार को उन्होंने मंदिर परिसर और निर्माण कार्यों का अवलोकन करने के बाद सुझाव दिया कि मंदिर के आसपास के सभी निर्माण हटाकर खुला वातावरण बनाना चाहिए ताकि श्रद्धालु को दूर से ही मंदिर दिखाई दे। सोमपुरा को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सलाह पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने आमंत्रित किया। वे बुधवार सुबह पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों के साथ मंदिर परिसर और बाहरी हिस्से में किए जा रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया।
उन्होंने मंदिर के पास महाराजवाड़ा हेरिटेज भवन, रामघाट क्षेत्र का भी भ्रमण किया। इसके पहले स्मार्ट सिटी के महाकाल क्षेत्र के लिए बनाई गई योजनाओं का प्रजेंटेशन भी देखा। नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचने के लिए उन्होंने स्थायी व्यवस्था करने का सुझाव देते हुए कहा अस्थायी सीढिय़ों आदि से मंदिर की सुंदरता और सुरक्षा प्रभावित होती है। यदि स्थायी निर्माण नहीं कर सकते तो अत्याधुनिक तकनीकी का उपयोग भी किया जा सकता है। कलेक्टर आशीषसिंह ने सोमपुरा से आग्रह किया कि वे मंदिर क्षेत्र में चल रहे कामों से हमेशा जुड़े रहें और अपने सुझाव दें। सोमपुरा ने सहमति दे दी। कलेक्टर ने बताया जो सुझाव आए हैं, उनसे योजनाओं में बदलाव किया जाएगा। सोमपुरा ने स्मार्ट सिटी योजनाओं को दोबारा अध्ययन करने के लिए भी सहमति दी। वे नई योजनाओं में भी अपने सुझाव देंगे।
डिजिटल तकनीकी का प्रयोग करें
उन्होंने मंदिर के बाहरी हिस्से में चल रहे कामों में विविधता लाने को कहा। उनका कहना था कि स्मार्ट सिटी के कामों में एकरुपता नजर आ रही है। हर तरफ मूर्तियां ही नजर आती हैं। इसलिए बीच में आधुनिक डिजिटल तकनीकी के प्रयोग किए जा सकते हैं। इनमें थीम बदलने की भी सहुलियत होती है। स्मार्ट सिटी के कॉरिडोर में इन्हें अपनाया जा सकता है। उन्होंने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में भी बदलाव के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था में अपराधी को यह अहसास हो कि वह नजर में है। दर्शनार्थी को कोई असुविधा भी नहीं होना चाहिए।
जमीन के भीतर की भी जांच करवाएं
सोमपुरा ने सुझाव दिया कि मंदिर की जमीन के नीचे की भी जांच होना चाहिए। जमीन में क्या है। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर के स्ट्रक्चर की जांच रिपोर्ट्स और फोटो आदि सुरक्षित रखे जाना चाहिए। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की की टीम ने स्ट्रक्चर की हर कोण से जांच की है।
महाकाल परिसर में बन सकता राममंदिर का प्रतीक: सिंह ने कहा कि अयोध्या मंदिर की तकनीकी या डिजाइन को महाकाल मंदिर में उपयोग नहीं किया जाएगा। यह हो सकता है कि महाकाल परिसर में किसी जगह पर अयोध्या मंदिर की प्रतिकृति श्रद्धालुओं के लिए बनाई जाए।
डिजिटल तकनीकी का प्रयोग करें
उन्होंने मंदिर के बाहरी हिस्से में चल रहे कामों में विविधता लाने को कहा। उनका कहना था कि स्मार्ट सिटी के कामों में एकरुपता नजर आ रही है। हर तरफ मूर्तियां ही नजर आती हैं। इसलिए बीच में आधुनिक डिजिटल तकनीकी के प्रयोग किए जा सकते हैं। इनमें थीम बदलने की भी सहुलियत होती है। स्मार्ट सिटी के कॉरिडोर में इन्हें अपनाया जा सकता है। उन्होंने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में भी बदलाव के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था में अपराधी को यह अहसास हो कि वह नजर में है। दर्शनार्थी को कोई असुविधा भी नहीं होना चाहिए।
जमीन के भीतर की भी जांच करवाएं
सोमपुरा ने सुझाव दिया कि मंदिर की जमीन के नीचे की भी जांच होना चाहिए। जमीन में क्या है। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर के स्ट्रक्चर की जांच रिपोर्ट्स और फोटो आदि सुरक्षित रखे जाना चाहिए। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की की टीम ने स्ट्रक्चर की हर कोण से जांच की है।
महाकाल परिसर में बन सकता राममंदिर का प्रतीक: सिंह ने कहा कि अयोध्या मंदिर की तकनीकी या डिजाइन को महाकाल मंदिर में उपयोग नहीं किया जाएगा। यह हो सकता है कि महाकाल परिसर में किसी जगह पर अयोध्या मंदिर की प्रतिकृति श्रद्धालुओं के लिए बनाई जाए।