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जबलपुर2 घंटे पहले
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- उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश, छात्र संगठन ने शासन के फैसले पर जताई खुशी
कोरोना महामारी की वापसी के साथ एक बार फिर कॉलेजों के छात्र ऑनलाइन परीक्षाएँ देंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षाएँ एक बार फिर ओपन बुक परीक्षा में तब्दील करने का निर्णय लिया है। शनिवार को उच्च शिक्षा विभाग से जारी हुए इस आदेश के बाद कई दिनों से परीक्षाओं की तैयारियों में जुटा विवि प्रशासन, अब ऑनलाइन परीक्षा की तैयारी करने लगा है।
उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष कोरोना महामारी के चलते स्नातक प्रथम और द्वितीय तथा स्नातकोत्तर प्रथम व तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएँ छात्रों ने घर बैठे दी थीं। ओपन बुक एग्जाम को लेकर कई छात्र संगठन और छात्र लगातार प्रदर्शन भी कर रहे थे। यही वजह है कि शासन ने ओपन बुक परीक्षा कराने का निर्णय लिया और ये परीक्षाएँ जून में होंगी। वहीं स्नातकोत्तर और स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएँ मई माह में परम्परागत ढंग से आयोजित की जाएँगी।
उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी धीरेंद्र शुक्ला के अनुसार मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री के बीच हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है।
श्री शुक्ला के अनुसार ओपन बुक के जरिए स्नातक प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा जून में ली जाएगी। पिछले साल की तरह ही छात्र घर बैठकर उत्तरपुस्तिका का जवाब लिखेंगे। कॉपियों को बाद में नजदीक के कलेक्शन सेंटर में जमा किया जाएगा।
एनएसयूआई की मेहनत रंग लाई
एनएसयूआई के प्रदेश सचिव राहुल रजक, सौरभ गौतम, बादल पंजवानी, राहुल बघेल, सागर शुक्ला, अदनान अंसारी व अन्य ने उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश पर प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा कि छात्रों के लिए एनएसयूआई द्वारा की जा रही मेहनत रंग लाई है।
एबीवीपी का संघर्ष काम आया
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा विभाग का आदेश जारी होने के बाद ओपन बुक परीक्षा के निर्णय को छात्रहित में लिया गया फैसला बताया है। एबीवीपी के महानगर मंत्री सर्वम सिंह राठौर के अनुसार प्रदेश में पुनः बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते एबीवीपी लगातार छात्रों के हितों के लिए संघर्ष कर रही थी।
छात्रहित में सरकार का फैसला
शासकीय प्राध्यापक संघ के संभागीय अध्यक्ष प्रो. अरुण शुक्ल एवं जिला अध्यक्ष डॉ. टीआर नायडू ने प्रदेश शासन के इस फैसले को छात्रहित में बताया है। श्री शुक्ल और श्री नायडू ने कहा कि निश्चित ही इससे हजारों छात्रों को लाभ मिलेगा और वे कोरोना जैसी संक्रमित बीमारी से बच सकेंगे।