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- Not Only The Electricity Bill But The Imprudence Of The Officials Is Also Becoming Fatal For The City
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जबलपुरएक घंटा पहले
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- बकाया चुकाने निगम अधिकारी कोई रास्ता नहीं तलाश पाए, आगे भी बढ़ सकती है परेशानी
बिजली विभाग ने गत दिवस बिल न चुकाने पर नगर निगम की अधिकांश स्ट्रीट लाइट्स के कनेक्शन काट दिए थे जिससे आधे से अधिक शहर में अंधकार छा गया और लोग आपस में ही टकराने लगे थे। यह स्थिति फिर कभी भी बन सकती है क्योंकि अभी भी विद्युत मंडल को बिल का भुगतान नहीं किया गया है और मंडल अधिकारी वसूली के लिए सक्रिय हैं।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि ठीक त्योहार के पहले और वह भी जब राष्ट्रीय स्तर की स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता की टीम शहर में हो ऐसे में अचानक ही बिजली कटने से टीम के सामने बुरा प्रभाव पड़ा और हो सकता है इससे शहर की रैंकिंग में भी गिरावट आ जाए।
ऐसा नहीं कि पूर्व में विद्युत मंडल को पूरा बिजली का बिल एक बार में ही चुकाया जाता रहा हो, उस समय भी देर सवेर लेन-देन होता रहा है लेकिन अधिकारियों की आपसी समझ और संबंध काम आते थे। अब जो अधिकारी बिजली विभाग चला रहे हैं वे नासमझ के साथ ही अनाड़ी भी हैं जिससे यह स्थिति बनी कि इतने महत्वपूर्ण मौके पर बिजली के रूप में शहर की नाक कट गई। अब भले ही निगम आज नहीं तो कल बिल की राशि चुका दे लेकिन जो हो गया उसे सुधारा नहीं जा सकता है और ऐसा शहर के साथ दोबारा न हो इसके लिए इस विभाग को ऐसे हाँथों में देना चाहिए जो सक्षम हों और शहर से प्यार करने वाले हों।
4 करोड़ 50 लाख का बिल देता है निगम
नगर निगम हर माह करीब साढ़े चार करोड़ रुपए बिजली के बिल की रकम विद्युत मंडल को चुकाता है जिसमें 1 करोड़ 65 लाख रुपए तो केवल स्ट्रीट लाइट के ही होते हैं जबकि बाकी की रकम फिल्टर प्लांट और अन्य उपयोग की होती है। ननि सीमा के तहत कुल करीब 38 हजार बिजली के पोल हैं, सबसे बड़ी चुनौती तो यही रहती है िक इन पोलों को हमेशा रोशन रखा जाए लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है। एक समय में 5 से 10 फीसदी पोल अँधेरे में रहते हैं और लोग शिकायत करते रहते हैं।