MP के मजदूरों ने जताया रोष: अजमेर में किया दो माह काम, लेकिन भुगतान नहीं मिला; परेशान मजदूरों ने कहा-त्योहार मनाना तो दूर खाने के ही पड़ गए लाले

MP के मजदूरों ने जताया रोष: अजमेर में किया दो माह काम, लेकिन भुगतान नहीं मिला; परेशान मजदूरों ने कहा-त्योहार मनाना तो दूर खाने के ही पड़ गए लाले


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अजमेरएक घंटा पहले

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भुगतान नहीं मिलने पर विरोध जताया मजदूर

  • वन विभाग ने मामले की पड़ताल शुरू की, कहा-मजदूरों का भुगतान नहीं रूके, इसके लिए करेंगे उचित कार्यवाही

मजदूरी करने के लिए मध्यप्रदेश से राजस्थान में आए। यहां दो माह काम भी किया लेकिन भुगतान नहीं दिया गया। ठेकेदार में करीब 6 लाख रुपए का भुगतान बकाया है। होली के त्योहार पर गांव जाना था, लेकिन भुगतान नहीं मिलने से जा नहीं सके। त्योहार मनाना तो दूर खाने के ही लाले पड़ गए है।

यह कहना है मध्यप्रदेश के उमरिया जिला निवासी मजदूरों को, जो काम के लिए अजमेर आए। उन्होंने जिले नसीराबाद वन क्षेत्र में गड्डे खुदाई का कार्य किया। दो माह काम करने के बाद जब होली पर मध्यप्रदेश जाने के लिए हिसाब करने की बात कही तो उनको भुगतान नहीं मिला। ऐसे में परेशान मजदूर अजमेर कलेक्ट्रेट पहुंचे और विरोध भी जताया। वर्तमान में यह सभी मजदूरी सरकारी रैन बसेरे में निवास कर रहे है।

इस सम्बन्ध में जब नसीराबाद वन क्षेत्र के क्षेत्रीय वन अधिकारी जितेन्द्रसिंह से बात की तो उनका कहना रहा कि गड्डा खुदाई का कार्य वन विभाग की गठित ग्राम समिति की ओर से किया जा रहा था और मजदूरों की भुगतान नहीं मिलने की शिकायत मिली है, इस सम्बन्ध में पता किया जा रहा है। किसी मजदूर का भुगतान नहीं रूके, इसके लिए उचित कार्यवाही की जाएगी।

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले से आए मजदूर

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले से आए मजदूर

रैन बसेरे में रह रहे, होली पर नहीं जा सके, भूखे मरने की नौबत

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के मजदूर संतोष कुमार, पूजा देवी, राकेश, कासीराम, दीपक आदि का कहना रहा कि वे करीब 40 मजदूर परिवार सहित दो माह पहले अजमेर काम के लिए आए। यहां पर काम किया और जब त्योहार पर भुगतान करने की बात कहीं तो भुगतान नहीं दिया। बीच में खर्चे पानी के लिए केवल सभी को कुल 52 हजार रुपए का भुगतान किया गया।

करीब छह लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान बकाया है। बार बार कहा गया लेकिन भुगतान नहीं दिया जा रहा। ऐसे में वे होली पर भी अपने घर नहीं जा सके। साथ ही भूखे मरने की नौबत आ गई है और रैन बसेरे में रह रहे है। प्रशासन को शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। अगर हमारे को भुगतान नहीं किया तो कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठेंगे।

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