2018 के चुनाव में भी गाय और गौशाला एक बड़ा मुद्दा था. (सांकेतिक तस्वीर)
पीसीसी की तरफ से जारी निर्देशों में कहा गया है कि इकाइयां जिला स्तर पर कमेटियों का गठन कर गौशालाओं (Cowsheds) का मौके पर पहुंचकर रख खाव का जायजा लें.
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी को इस बारे में शिकायतें मिल रही हैं कि गौशालाओं में गायों का प्रबंधन सही तरीके से नहीं हो रहा है. कमलनाथ सरकार में 1000 गौशालाओं के निर्माण की मंजूरी दी गई थी. इनमें से ज्यादातर गौशालाएं बनकर तैयार हो चुकी हैं. लेकिन गौशालाओं में प्रबंधन को लेकर मिल रही है शिकायतें और हकीकत परखने के लिए कमेटियों का गठन किया जा रहा है, जो मौके पर जाकर परीक्षण करेंगे और अपनी रिपोर्ट पीसीसी को देंगी.
बीजेपी ने साधा निशाना
गौशालाओं के मुद्दे पर सरकार की नियत पर विपक्ष के सवाल उठाने पर बीजेपी भड़क गई है. बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कांग्रेस पर सिगूफे बाजी करने का आरोप लगाया है. बीजेपी ने पूछा है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय आगर मालवा के गो अभ्यारण में हुई गायों की मौत के मामले में कांग्रेस अब तक जवाब क्यों नहीं दे पाई है. कांग्रेस सिर्फ गाय और गौशाला के मुद्दे पर अराजकता फैलाने में लगी है, जिसका जनता पर कोई असर नहीं होगा.गौशाला प्रेम को जाहिर किया जा सके
दरअसल, 2018 के चुनाव में भी गाय और गौशाला एक बड़ा मुद्दा था. 28 विधानसभा के उपचुनाव में भी गौशाला का मुद्दा जोर-शोर के साथ उठाया गया. और एक बार फिर कांग्रेस पार्टी गाय और गौशाला के मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी करने की कोशिश में है, ताकि दबाव की राजनीति और अपने गौशाला प्रेम को जाहिर किया जा सके.