mp में कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण ये फैसला लिया गया है.
भोपाल. पूरे देश की तरह एमपी में भी कोरोना संक्रमण तेज़ी से बढ़ रहा है. यहां इंदौर फिर डेजर जोन में है.
सीएम ने कहा था ऐसी स्थिति में नहीं खोले जा सकते स्कूल
एमपी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. कोरोना के बढ़ते केसे को देखते हुये सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले है. ऐसी स्थिति में स्कूल नहीं खोले जा सकते हैं. समीक्षा के बाद स्कूल ना खोलने को लेकर फैसला लिया जाएगा. नये शिक्षा सत्र से स्कूल खुलने में अब सिर्फ दो दिन बाकी थे. उससे पहले ये फैसला हो गया.
बीते साल मार्च से बंद हैं स्कूलमध्य प्रदेश में पूरे एक साल से पहली से लेकर कक्षा आठवीं तक के स्कूल बंद हैं. बीते साल मार्च महीने से पहली से लेकर आठवीं तक के सरकारी और निजी स्कूल बंद हैं. स्कूल बंद होने के बाद छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन क्लासेज जारी हैं. पहले हाई और हायर सेकेंड्री स्कूल भी बंद थे लेकिन बाद में कुछ शर्तों के साथ खोल दिये गए थे.
एक अप्रैल से शुरू होना था नया शिक्षा सत्र
एमपी में एक अप्रैल से नया शिक्षा सत्र शुरू होना था. 10 मार्च को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने पहली से आठवीं तक के स्कूल खोलने का आदेश जारी किया था. दस मार्च के बाद लगातार बढ़ते कोरोना के ग्राफ के बीच सीएम के बयान के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा था कि एक दो दिन में स्कूल खोलने को लेकर फैसला होगा. इसके 20 दिन बीतने के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूल ना खोलने को लेकर कोई भी लिखित आदेश जारी नहीं किया गया. दरअसल स्कूल खोलने के लिए लगातार दुविधा बनी हुई थी.