किसान आंदोलन: मिट्टी सत्याग्रह यात्रा लेकर रतलाम पहुंची मेधा पाटकर, किसान आंदोलन में शहीद किसानों के स्मारक में उपयोग होगी देशभर से लाई गई मिट्टी

किसान आंदोलन: मिट्टी सत्याग्रह यात्रा लेकर रतलाम पहुंची मेधा पाटकर, किसान आंदोलन में शहीद किसानों के स्मारक में उपयोग होगी देशभर से लाई गई मिट्टी



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रतलाम11 घंटे पहले

रतलाम में मेधा पाटकर

  • मध्य प्रदेश सरकार के नौ हजार शासकीय स्कूलों को बंद करने के फैसले का किया विरोध
  • मेघा पाटकर का बयान : पानी में भी निजीकरण की तैयारी कर रही सरकार

मिट्टी सत्याग्रह यात्रा लेकर आज मेधा पाटकर रतलाम पहुंची है। जहां करमदी और रिंगनोद गांव में चौपाल लगाकर किसान आंदोलन के समर्थन में निकाली जा रही मिट्टी सत्याग्रह यात्रा से लोगों के जुड़ने की अपील की है। मेधा पाटकर ने पत्रकार वार्ता में कहां कि मिट्टी सत्याग्रह यात्रा का उद्देश्य लोगों को किसान विरोधी कानूनों के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करना और किसान, मजदूरों और शहीदों की धरती की मिट्टी का संग्रह करके शहीद किसानों के स्मारक की नींव तक पहुंचाना है।

मेघा पाटकर ने कहा कि देश में नदियों को जोड़ने की परियोजना के द्वारा केंद्र सरकार पानी का भी निजीकरण करने की तैयारी में है। वहीं प्रदेश सरकार द्वारा 9000 शासकीय स्कूलों को बंद किए जाने के फैसले का भी विरोध करते हुए मेधा पाटकर ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्कूल खोलने की आवश्यकता है ना की शासकीय स्कूलों को बंद करने की। वहीं प्रदेश में शराबबंदी के सवाल पर भी मेधा पाटकर ने कहा कि पूरे देश में शराबबंदी होना चाहिए। धर्मगुरुओं से लेकर देश के महापुरुषों ने भी शराबबंदी का समर्थन किया है। मेधा पाटकर ने बताया कि मिट्टी सत्याग्रह यात्रा आज रतलाम, मंदसौर और नीमच होकर दिल्ली के लिए रवाना होगी। यात्रा की प्रमुख मांग 3 किसान विरोधी कानून रद्द करने, सभी कृषि उत्पादों पर एमएसपी पर खरीद की गारंटी देने, किसानों पर लगाए गए मुकदमे वापस लेने और 44 श्रम कानून बहाल करने की है।

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