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- Seven Lakh Rupees Were Deposited In The Personal Loan Depositing Account, Became A Fraudulent Bank Officer And Took Confidential Information And Transferred Money From The Account.
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जबलपुर7 मिनट पहले
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- एल्गिन में पदस्थ नर्स के साथ हुई ठगी, पीड़िता ने माढ़ोताल और स्टेट साइबर सेल में दी शिकायत
- पर्सनल लोन की राशि जमा करने के लिए आवेदन देने के बावजूद बैंक मैनेजर ने नहीं काटी रकम
एल्गिन में पदस्थ महिला नर्स के साथ बैंक अधिकारी बनकर जालसाज ने सात लाख रुपए ठग लिए। पीड़िता ने एसबीआई के करमेता शाखा से पर्सनल लोन लिया था। इसी लोन को समाप्त करने के लिए उसने खाते में उक्त पैसे जमा किए थे। बैंक की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही जालसाज उसके खाते में सेंध लगा दिया। पीड़िता ने माढ़ोताल और स्टेट सायबर सेल में मामले की शिकायत की है।
जानकारी के अनुसार आईटीआई निवासी मोनिका सरावगी एल्गिन में नर्स हैं। उनका बैंक खाता एसबीआई करमेता में है। मोनिका के पास 28 मार्च की सुबह 10.28 बजे एक कॉल आया। उधर से करमेता एसबीआई बैंक का अधिकारी सुरेश शर्मा और एम्पलाई कोड 469381 बताकर बात की गई। उसने बताया कि उसके खाते में 1.50 लाख रुपए का चेक रुका हुआ है। चेक क्लीयर के लिए उसने महिला नर्स से उसका खाता नंबर, मोबाइल नंबर, एड्रस पूछा।
झांसे में फंसाकर जालसाज ने पूछता गया गोपनीय पासवर्ड
उसने चेक को क्लीयर के लिए महिला नर्स के मोबाइल पर कुछ संदेश भेजे और उक्त पासवर्ड पूछ लिया। उसने पहले ही बोल दिया था कि फोन मत काटना, नहीं तो रिफंड की प्रोसेस नहीं हो पाएगी। उसकी बातों में आकर पीड़िता ने गोपनीय पासवर्ड जालसाज को बताती गई। फोन कटा तो उसके खाते से सात लाख रुपए कट चुके थे। पीड़िता के मुताबिक जालसाज ने 28 मार्च को शाम चार बजे फिर कॉल किया, तो उससे बोला भी कि आपने ऐसा क्यो किया। इस पर आरोपी ने फोन कट कर दिए।
एसबीआई बैंक मैनेजर की गलती से गया खाते से पैसा
महिला नर्स मोनिका सरावगी ने शिकायत में आरोप लगाया है कि करमेता एसबीआई बैंक मैनेजर अर्चना नेमा की गलती से ठगी की शिकार बनी। उसने पर्सनल लोन लिए थे। लोन समाप्त करने के लिए उसने 19 मार्च को बैंक में आवेदन दिया था। इसी के लिए सात लाख रुपए खाते में डाले थे। वह इससे पहले न तो एटीएम, न ही नेट बैंकिंग या यूपीआई का प्रयोग करती थी। पर 19 मार्च को उसके मोबाइल पर बैंक मैनेजर द्वारा योनो एप डाउनलोड कराया गया।
जालसाज से इसी पर्सनल लोन के बारे में समझ कर बात करती रही
उस दौरान उसका मोबाइल बैंक अधिकारियों ने 10-10 मिनट के लिए दो बार लिए थे। बावजूद उसका पर्सनल लोन समाप्त नहीं किया गया। यदि उसके खाते से पर्सनल लोन का पैसा काट लिया गया होता तो वह ठगी से बच सकती थी। जब जालसाज का फोन आया तो इसी पर्सनल लोन के बारे में समझ कर वह बात करती रही और आरोपी के झांसे में फंस गई।