जानलेवा बन रही यूपी की शराब: मध्य प्रदेश के बोर्ड के गांव से एक किलोमीटर दूरी पर उत्तर प्रदेश की सीमा जहां से सप्लाई होती सस्ती शराब, पुलिस और आबकारी अफसर बने अनजान

जानलेवा बन रही यूपी की शराब: मध्य प्रदेश के बोर्ड के गांव से एक किलोमीटर दूरी पर उत्तर प्रदेश की सीमा जहां से सप्लाई होती सस्ती शराब, पुलिस और आबकारी अफसर बने अनजान


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भिंड11 मिनट पहले

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मिहाेना क्षेत्र का असनेहट गांव के लोग, जहां बीते रोज होली पर शराब पीने से हुई पांच लोगों की मौत।

  • मिहोना क्षेत्र के तीन गांव में बीते दिनों शराब पीने से हुई थी पांच लोगों की मौत, तीन लोग हुए थे बीमार

भिंड जिले के मिहोना में क्षेत्र में बीते दिनों शराब से पांच लोगों की मौत हुई थी और तीन लोगों का स्वास्थ्य खराब हुआ था। इन लाेगों ने शराब को गांव से ही खरीदी थी। गांव में सस्ती शराब को माफिया उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से अवैध रुप से लेकर आते है। यह सस्ती दामों की शराब जान लेवा बन सकती है। यह बात कभी असनेहट के शराब पीने वालों ने सोचा भी नहीं था। जब भास्कर ने पूरे मामले की पड़ताल की तो नाम न लिखे जाने की शर्त पर गांव के लोगों ने शराब के अवैध कारोबार की परतें खोली।

यहां के लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश से आने वाली सस्ती शराब को कोई पहली बार नहीं खरीदा गया था। यहां अवैध शराब का कारोबार सालों से चला आ रहा है। इस कारोबार की खबर गांव के बच्चे-बच्चे को है। इसके बाद भी पुलिस और आबकारी विभाग स्वयं को बेखबर बनाए हैं।

दरअसल मिहोना थाना क्षेत्र के असनेट, जैतपुरा और ऐवासी का पुरा का गांव उत्तर प्रदेश से सटे हैं। इन गांव से एक से दो किलोमीटर दूरी पर उत्तर प्रदेश का जालौन जिला शुरू हो जाता है। लोगों का कहना कि बोर्ड के गांव और यूपी के गांव के बीच पहूज नदी की बीहड़ है। इन बीहड़ों में ही अवैध शराब की फैक्टरी लगी हुई है। यूपी-एमपी बोर्ड पर हर रोज कच्ची शराब का लाखों का कारोबार होता है। इन गांव के पांच लोगों की शराब पीने से मौत हुई वहीं तीन लोगों का स्वास्थ्य खराब हुआ था।

दबंगों के संरक्षण में अवैध शराब का कारोबार

हालांकि एमपी और यूपी के आबकारी विभाग व पुलिस को भी इस अवैध शराब का कारोबार की जानकारी है। इस कारोबार में इन क्षेत्राें दबंगों के हाथ रंगे हुए है। परंतु शराब पीने से क्षेत्र में पांच लाेगों की मौत की खबर अब तक पुलिस प्रशासन के गले नहीं उतर रही है। वहीं गांव का हर व्यक्ति और मृतक के परिजन इस बात को जोर-जोर से कह रहे की शराब पीने के बाद स्वास्थ्य खराब हुआ और मौत हुई हैं। वहीं जो लोग उपचार के बाद लौटे है उन्होंने भी शराब पीने से स्वास्थ्य बिगड़ने की बात पुलिस से कही है।

कलेक्टर के नाम दिया ज्ञापन

रौन मार्केटिंग सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने भास्कर से बातचीत करते हुए कहा है कि मेरे गांव में तीन लोगों की मौत हुई है। यह शराब यूपी से अवैध रुप से लाई गई जोकि जहरीली थी। ज्ञापन के माध्यम से भिंड कलेक्टर से मांग की है। मृतक व घायलों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए। अन्यथा ग्रामीण जन, धरना-प्रदर्शन आंदोलन करेंगे।

आबकारी टीम की दिखावे की भागदौड़

शराब पीने से जिले में हुई मौत के बाद आबकारी अमला की नींद टूटी है। गुरुवार को भी आबकारी की टीम असनेहट गांव पहुंची। यह टीम के सदस्यों ने पहले किराना दुकानों पर शराब की पड़ताल की। इसके बाद आसपास संचालित ढाबों पर शराब तलाशते हुए नजर आई। वहीं मिहोना पुलिस भी पिछले तीन दिनों में 600 क्वार्टर शराब पकड़ी है।

पूर्व मंत्री ने सीएम के नाम लिखी पाती, कांग्रेस ने बनाई जांच कमेटी

इधर पूर्व मंत्री एवं लहार विधायक डॉ गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिठ्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, मृतकों के परिजन को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने की भी बात कही है। यह मामला प्रदेश स्तर तक कांग्रेस पार्टी ले जाने की भूमिका बना चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस मामले की जांच के लिए पार्टी स्तर पर एक जांच कमेटी बनाई है, जिसमें पूर्व मंत्री एवं लहार विधायक डॉ गोविंद सिंह के साथ प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत, पूर्व मंत्री लाखन सिंह, विधायक प्रवीण पाठक, ग्वालियर कांग्रेस जिलाध्यक्ष अशोक सिंह को शामिल किया है।

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