ये लक्षण घातक हैं: 24 मार्च से बढ़े सिम्टोमेटिक, प्रशासन के सामने चुनौती- लक्षण वाले रोगियों को इलाज के लिए अस्पतालों में बेड मुहैया करवाना

ये लक्षण घातक हैं: 24 मार्च से बढ़े सिम्टोमेटिक, प्रशासन के सामने चुनौती- लक्षण वाले रोगियों को इलाज के लिए अस्पतालों में बेड मुहैया करवाना


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उज्जैन4 मिनट पहले

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उल्लंघन : ग्राहकों को बैठाकर सामग्री परोस रहे थे, दो रेस्टोरेंट सील।

कोरोना की दूसरी लहर में मार्च में जिले में 6 मौतें हो चुकी हैं। ऐसा इसलिए कि जिले में फिर से लक्षण वाले मरीज बढ़ गए और बगैर लक्षण वाले कम हो गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस अपनी प्रवृत्ति बदल रहा है। इधर इन तमाम परिस्थितियों को लेकर प्रशासन के सामने चुनौती यह हैं कि लक्षण वाले जितने भी मरीज सामने आ रहे हैं, उन सभी के इलाज के लिए अस्पतालों में बेड के इंतजाम सुनिश्चित करें। क्योंकि ऐसे मरीज को होम आइसोलेशन में नहीं रखा जा सकता है।

कोरोना की दूसरी लहर 20 फरवरी के बाद शुरू हो गई थी। लेकिन शुरुआती दौर में वायरस खतरनाक रूप में नहीं था। यही वजह रही कि फरवरी में कोरोना से जिले में एक भी मौत नहीं हुई। लेकिन मार्च आते-आते वायरस खतरनाक हुआ और जितने लोग इसकी चपेट में आते गए, अधिकतर में गंभीर लक्षण देखने को मिलने लगे। डॉक्टरों का कहना है कि वायरस कमजोर इम्युनिटी वालों पर ज्यादा असर डाल रहा है। उनमें कोरोना के लक्षण सीधे तौर पर उभरकर सामने आ रहे हैं। बगैर लक्षण वाले मरीज की संख्या पहले की तुलना में कम हो गई है।

कैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं

  • सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
  • लंग्स इंफेक्शन की शिकायतें बढ़ रही हैं।
  • निमोनिया व बुखार तेजी से बढ़ रहा है।

इधर प्रशासन के सामने चुनौती

  • लक्षण वाले रोगियों को होम आइसोलेशन में नहीं रखा जा सकता। लिहाजा इनके लिए अस्पतालों में बेड के इंतजाम करना जरूरी है।
  • ऐसे मरीज गंभीर होते हैं इसलिए अस्पताल में ऑक्सीजन सहित अन्य संसाधन भी जरूरी।
  • इन मरीजों को चिह्नित करना और समय रहते हॉस्पिटलाइज्ड करना जरूरी अन्यथा मृत्युदर बढ़ने की आशंका बनी रहती है।
  • ऐसे मरीज जितने बढ़ते जाएंगे चिकित्सा सहित अन्य अमले की व्यवस्था भी तुलनात्मक करना पड़ रही है।

^कोरोना की दूसरी लहर में अब लक्षण वाले रोगी ज्यादा आ रहे हैं। मरीजों में सांस लेने में तकलीफ व लंग्स में इंफेक्शन ज्यादा देखने को मिल रहा है। जरूरी है कि लोग एहतियात बरतें।
डॉ. एचपी सोनानिया, नोडल अधिकारी

उल्लंघन : ग्राहकों को बैठाकर सामग्री परोस रहे थे, दो रेस्टोरेंट सील

कोरोना गाइड लाइन में रेस्टोरेंट में ग्राहकों को बैठाकर खाद्य सामग्री परोसने पर प्रतिबंध है। बावजूद फ्रीगंज के दो रेस्टोरेंट पर ग्राहकों को बैठाकर सामग्री परोसी जा रही थी। पुलिस-प्रशासन की टीम ने दोनों रेस्टोरेंट को सील करने की कार्रवाई की। यह कार्रवाई तहसीलदार अभिषेक शर्मा के नेतृत्व में बुधवार को की गई। टीम ने लक्ष्मी विलास रेस्टोरेंट और ओम कैफे को सील कर दिया है। संबंधितों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन का प्रकरण बनाया गया। गाइड लाइन में यह भी स्पष्ट है कि रेस्टोरेंट से पार्सल दिया जा सकता है।

शहर में 615 कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए, बेरिकेडिंग भी की

शहर में कंटेनमेंट क्षेत्र बनाकर इनसे जुड़ी गाइड लाइन का पालन करवाए जाने लगा है। बुधवार तक शहर में 615 कंटेनमेंट क्षेत्र बना दिए गए थे। इनमें से अधिकांश में बेरिकेडिंग भी की गई। अपर कलेक्टर जितेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जो लोग कोरोना पॉजिटिव होकर होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं और जो रोगी हॉस्पिटलाइज्ड हैं उनके यहां कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए गए हैं। संबंधितों के परिजनों व क्षेत्रवासियों से कंटेनमेंट क्षेत्र से जुड़ी गाइड लाइन का पालन करने को कहा गया है। इन क्षेत्रों में बाकायदा पोस्टर भी चिपकाए गए हैं। रोगी के स्वस्थ होने के बाद संबंधित क्षेत्र से कंटेनमेंट की बेरिकेडिंग हटाई भी जा रही है।

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