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- Son Turned Out To Be A Murderer, Father Had Seen With Wife In Objectionable Condition, Had Given A Betel Nut Of 50 Thousand Rupees To Four Friends.
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जबलपुर7 मिनट पहले
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इस तरह अधजली लाश मिली थी।
- बरगी-घुंसौर रोड के जंगल में मिली अधजली लाश मामले में पुलिस ने बेटे सहित पांचों आरोपियों को दबोचा
- शव की पहचान कराकर, गुरुवार को ही परिजनों ने चौहानी शमशान घाट में कर दिया था अंतिम संस्कार
बरगी क्षेत्र के गढ़ गोरखपुर के पास बीते 28 मार्च की दोपहर में बरगी-घुंसौर रोड किनारे मिली अधजली लाश मामले की गुत्थी पुलिस ने सुलझा लिया। शव घुंसौर के बम्हनौदा माल निवासी शैल कुमार पटेल (52) की थी। हत्या उसके ही बेटे प्रमोद पटेल ने चार अन्य दोस्तों राहुल यादव, राहुल नेमा, आयुष शर्मा, मनोज बैगा के साथ मिलकर की थी। हत्या की वजह शर्मसार कर देने वाली है। ससुर ही बहू पर बुरी नियत रखता था। एक सप्ताह पहले दोनों को मर्यादा लांघते हुए बेटे ने देख लिया था। पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के अनुसार 28 मार्च की दोपहर में गढ़ गोरखपुर के पास बरगी-घुंसौर रोड किनारे अधजली लाश मिली थी। बरगी फारेस्ट के वरिष्ठ बीट गार्ड अमित त्रिपाठी ने पुलिस को इसकी सूचना दी थी। उस समय एएसपी शिवेश सिंह बघेल और एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा भी मौके पर एफएसएल टीम के साथ पहुंचे थे। एसपी ने खुलासे पर 10 हजार का इनाम घोषित किया था।
31 मार्च को परिवार के लोग घुंसौर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचे थे
31 मार्च को घुंसौर थाने में परिवार के लोगों ने शैल पटेल की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। वहां पुलिस को बताया था कि 26 मार्च को घर से निकले शैल कुमार पटेल का पता नहीं चल रहा था। गांजा का लती शैल पटेल खेती-किसानी के साथ दूध का व्यवसाय करता था। वहां से बताया गया कि 28 मार्च को बरगी क्षेत्र में एक अधजली लाश मिली थी। फोटो भी परिवार वालों को दिखाया गया। शव की पहचान बेटे प्रमोद पटेल ने पिता शैल पटेल के रूप में की थी।

एसडीएम की अनुमति पर गुरुवार को चौहान शमशान घाट में दफनाया गया शव निकलवाया गया।
पत्नी की बयानों ने हत्यारों तक पुलिस को पहुंचा दिया
पुलिस सूत्रों की मानें तो पहचान होने के बाद गुरुवार को एसडीएम गोरखपुर की अनुमति से बरगी पुलिस ने गढ़ा क्षेत्र के चौहानी शमशान घाट में दफनाया गया शव बाहर निकलवाया। बेटे और पत्नी ने शव की पहचान शैल पटेल के रूप में की। बरगी पुलिस को पत्नी ने बताया कि 26 अप्रैल को शैल पटेल खेत गए थे। तभी आरोपियों में दो उसे खोजते हुए उसके घर पहुंचे। घर में न होने की बात सुनकर दोनों लौट गए थे। शैल पटेल के लौटने पर पत्नी ने बताया कि गांव के दो लोग उसे खोजते हुए आए थे। इस पर शैल पटेल दोनों से मिलने चला गया। इसके बाद से उसका पता नहीं चला।
दाेस्तों के साथ मिलकर रची हत्या की साजिश
पुलिस ने शैल पटेल की पत्नी के बयान के आधार पर उक्त दोनों संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो हत्या से पर्दा उठा गया। पता चला कि शैल पटेल अपनी ही बहू पर बुरी नियत रखता था। घटना से एक सप्ताह पूर्व प्रमोद ने अपनी पत्नी व पिता को एक साथ देख लिया था। इसके बाद उसने दोस्तों राहुल नेमा, राहुल यादव, आयुष शर्मा व मनोज उर्फ पंडा बैगा के साथ मिलकर हत्या की साजिश रच डाली।
हत्या की वारदात को इस तरह बेटे ने दोस्तों संग मिलकर अंजाम दिया
पुलिस के मुताबिक शैल पटेल को लेकर बेटे प्रमोद पटेल के चारों दोस्त चार पहिया वाहन से लेकर घटनास्थल की ओर रवाना हुए। रास्ते में रोक कर शैल पटेल को गांजा पिलाया। प्रमोद पटेल बाइक से पीछे-पीछे आया। गांजा के नशे में होने पर चारों ने मिलकर शैल कुमार का गला दबा दिया। इसके लिए प्रमोद ने चारों को 50 हजार रुपए देने की बात कही थी। इसके बाद चारों दोस्तों के साथ बेटे प्रमोद ने शव को गढ़ गोरखपुर के जंगल में डीजल डालकर जला दिया। प्रमोद ने चारों दोस्तों को एडवांस में 15 हजार रुपए दिए थे। शेष रकम बाद में देने की बात हुई थी।
इनकी रही अहम भूमिका
इस गुत्थी को सुलझाने में बरगी सीएसपी रवि चौहान, बरगी टीआई शिवराज सिंह, एसआई कुलदीप पटेलश, रवि सिंह परिहार, रामकरण मिश्रा, बरगी नगर चौकी प्रभारी आशुतोष मिश्रा, आरक्षक अरविंद अभिषेक सुरेश तिवारी एवं आरक्षक अनुज की अहम भूमिका रही।

तहसीलदार की मौजूदगी में बरगी पुलिस ने शव निकलवा कर परिजनों को सौंपा था।

28 मार्च को शव मिलने पर मौके पर पहुंचे थे एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा व एएसपी शिवेश प्रताप सिंह बघेल।

घटनास्थल पर 28 मार्च को एफएसएल टीम पहुंची थी।