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- Transporters Could Not Fix Markfed In Khandwa Burhanpur, The Produce Lying In The Open Due To Lack Of Storage, Payment Of Farmers Stalled
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खंडवा4 मिनट पहले
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इस तरह खरीदी केंद्रों पर खुले में पड़ी उपज, गेहूं की बोरियों की लगने लगी थप्पियां
- 2021 की गेहूं-चना खरीदी मार्कफेड के जिम्मे, ट्रांसपोर्टर मांग पर तो मार्कफेड निर्धारित दरों पर अड़ा
27 अप्रैल से निमाड-मालवा में समर्थन मूल्य पर गेहूं व चने की खरीदी शुरू हुई हैं। 5 दिन बाद भी खंडवा व बुरहानपुर में ट्रांसपोर्टर तय नहीं हुए है। भंडारण केंद्र तक उपज का परिवहन नहीं होने से खरीदी केंद्र भर गए है, जहां उपज खुले में पड़ी हुई हैं। आफत किसानों की हो चुकी है, जब तक उपज का भंडारण नहीं होगा, उन्हें राशि नहीं मिलेंगी। इस बार यहां खरीदी मार्कफेड के जिम्मे हैं। ट्रांसपोर्टर अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं, वहीं मार्कफेड शासन की निर्धारित दरों पर ही टेंडर की स्वीकृति दे रहा हैं।
खंडवा : 53 केंद्रों पर 50 हजार क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा
खंडवा में गेहूं के 78 व चने के 21 केंद्रों पर खरीदी की जा रही है। सभी केंद्रों पर 70 हजार क्विंटल गेहूं व 50 क्विंटल चने की खरीदी हो चुकी है। उपज का उठाव व भंडारण नहीं होने से किसानों को उपज का भुगतान भी नहीं हो पा रहा। परिवहन नहीं होने की स्थिति में समिति स्तर के 53 केंद्रों पर करीब 50 हजार क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा है।
बुरहानपुर : बोरियों की थप्पियां जमने से शेड छोटे पड़ने लगे
अब तक जिले के तीन केंद्रों पर 1306.75 क्विंटल गेहूं की खरीदी हो चुकी हैं। रेणुका मंडी स्थित शेड में एमागिर्द केंद्र सबसे ज्यादा 601.25 क्विंटल खरीदी कर चुका हैं। गेहूं की बोरियों की थप्पियां जमने से शेड छोटा पड़ने लगा हैं। किसानों को अब उपज डालने के लिए जगह नहीं बची। मार्कफेड अब तक परिवहनकर्ता तक तय नहीं कर पाया है। ऐसे में उपज का उठाव भी नहीं हो पाया है। धुलकोट के ग्राम बोरी, सीवल, तुकईधड़ में अभी तक खरीदी नहीं हुई है।